MP के इस मंदिर में लगा सबसे बड़ा घंटा, जानिए कितना है वजन और क्या है खासियत
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh849767

MP के इस मंदिर में लगा सबसे बड़ा घंटा, जानिए कितना है वजन और क्या है खासियत

6 साल के प्रयासों के बाद आखिरकार 3700 किलो का विशालकाय घंटा मंदिर पहुंच गया.

MP के इस मंदिर में लगा सबसे बड़ा घंटा, जानिए कितना है वजन और क्या है खासियत

मंदसौर: मंदसौर के विश्व प्रसिद्ध अष्ट मुखी पशुपतिनाथ मंदिर में जल्द ही विशालकाय घंटे की गूंज सुनाई देगी. बसंत पंचमी के दिन 6 साल के प्रयासों के बाद आखिरकार 3700 किलो का विशालकाय घंटा मंदिर पहुंच गया है. इस मौके पर मंगलवार को चल समारोह निकाला गया, जिसमें हजारों लोगों ने शिरकत की. महाघंटा तैयार होने के बाद लंबे समय तक प्रशासनिक सहमतियां नहीं बनने से घंटा मंदसौर नहीं पहुंच पाया था, लेकिन मंगलवार को जब महाघंटा मंदसौर पहुंचा तो उसे देखने के लिए भारी संख्या में लोग उड़ पड़े थे. 

एक साल में बनकर तैयार हुआ महाघंटा
विशालकाय घंटे को स्थापित करने के लिए साल 2015 में योजना बनाई गई थी. इसके लिए मंदसौर की श्री कृष्ण कामधेनु सामाजिक धार्मिक लोक न्यास संस्था 3 साल तक अलग-अलग जगहों पर यात्राएं निकालीं. यात्रा के जरिए लोगों से पुरानी पीतल की वस्तुएं और अन्य सामान लिया गया. इकट्टा हुई सामाग्री को अहमदाबाद भेजा गया और उन्हीं वत्तुओं से इस विशालकाय महाघंटा का निर्माण किया गया. घंटा निर्माण में करीब 1 साल का वक्त लगा है. 

ये भी पढ़ें: You Tube चैनल से करें कमाई, जानिए Videos पर कितने व्यूज से शुरू होती है इनकम

जल्द होगी विधिवत स्थापना
अष्टधातु से बने महाघंटा को मंदिर परिसर में दर्शनार्थ के लिए रखा गया है. मंदिर में लाने से पहले घंटे को क्रेन की मदद से बजाया गया, जिसकी ध्वनि काफी दूर तक सुनाई दी. नियमित रूप से इसकी ध्वनि कब सुनाई देगी, इस पर फैसला नहीं हुआ है. हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि जल्द ही इसके स्ट्रक्चर को डिजाइन कर इस विशाल काय महाघंटा को विधिवत स्थापित किया जाएगा. 

क्या है महाघंटा की खासियत
अहमदाबाद में तैयार किए गए इस महाघंटे को बनाने की मजदूरी ही लगभग 35 लाख रुपये लगी है. घंटा बनवाने के लिए संस्था द्वारा एकत्र की गई 4300 किलो विभिन्ना तरह की धातुएं दी गई हैं. अष्टधातु से निर्मित महाघंटे पर भगवान श्री पशुपतिनाथ महादेव के आठ मुख बनाए गए हैं. बिल्व पत्र की बेल के साथ नंदी और त्रिशूल बनाकर उसकी नक्काशी की गई है. 

भक्तों ने दिया दान
श्री कृष्ण कामधेनु सामाजिक धार्मिक लोक न्यास संस्था की मानें तो जब महाघंटा बनवाने के लिए अभियान चलाया गया तो भक्तों ने पूरी आस्था व समर्पण के साथ सहयोग किया. भक्तों ने अपने पूर्वजों की याद में घरों में रखे बर्तन भी इस पुण्य कार्य में समर्पित किए. नगर में एक पंचर बनाने वाले ने खराब ट्यूब से निकली वाल्व बॉडी बाजार में बेचकर बच्चों की स्कूली फीस भरना तय किया था, लेकिन जब यात्रा पहुंची तो दो कट्टों में संभालकर रखी वाल्व बॉडी समर्पित कर दी. 

ये भी पढ़ें: Cobra को बचाने युवक ने कुएं में लगाई छलांग, हाथ से पकड़कर ले आया बाहर, देखें हैरान करने वाला VIDEO

ये भी पढ़ें: 1 अप्रैल से बदल जाएंगे श्रम कानून के नियम, आपकी सैलरी, PF समेत छुट्टियों पर पड़ेगा ये असर

WATCH LIVE TV

Trending news