Christmas 2023: हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है. क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहार है. इस दिन घर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है आखिर हैप्पी क्रिसमस की जगह लोग मैरी क्रिसमस क्यों कहते है.
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Why We Should Say Merry Christmas: हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है.क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों का प्रमुख त्योहार है. इस दिन घर को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया जाता है और क्रिसमस ट्री लगाते हैं. इसके अलावा तरह-तरह के व्यंजन बनाकर पार्टी करते हैं और केक काटकर इस त्योहार को मानते हैं. लेकिन क्या आपको पता है आखिर हैप्पी क्रिसमस की जगह लोग मैरी क्रिसमस क्यों कहते है.
क्यों कहा जाता है मैरी क्रिसमस
दरअसल, मैरी शब्द जर्मन और ओल्ड अंग्रेजी से मिलकर बना है. इसका अर्थ हैप्पी की तरह खुशी ही होता है. ये शब्द 16वीं शताब्दी में अस्तित्व में आया था. उस समय लोग अंग्रेजी बोलना सीख ही रहे थे. साहित्यकार चार्ल्स डिकेंस ने मैरी शब्द को प्रचलित किया था. उन्होंने अपनी किताब 'अ क्रिसमस कैरोल' में मैरी शब्द का बहुत इस्तेमाल किया था. इसके बाद से ही क्रिसमस की बधाई देते वक्त लोग मैरी क्रिसमस बोलने लगे.
हर साल 25 दिसंबर को ही क्यों मनाया जाता है क्रिसमस?
क्रिसमस का पर्व हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है.इस दिन को प्रभु यीशु के जन्म दिवस के रुप में मनाया जाता है. 25 दिसंबर के दिन प्रभु यीशु का जन्म मरियम (Mother Mary) के घर हुआ था. इसीलिए हर साल 25 दिसंबर को जश्न के रुप में क्रिसमस (Christmas) के तौर पर मनाया जाता है.
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कहते है कि प्रभु यीशु के जन्म से पहले मरियम (Mother Mary) को एक सपना आया था, कि उन्हें प्रभु के पुत्र यीशु को जन्म देने की भविष्यवाणी की गई थी. इस सपने के बाद ही मरियम गर्भवती हुईं. इस दौरान उन्हें बेथलहम (Bethlehem) में रहना पड़ा. 25 दिसंबर को मरियम ने पशुपालन की जगह पर यीशु मसीह (Jesus Christ) को जन्म दिया. यीशु मसीह का जहां जन्म हुआ था उसके कुछ दूरी पर कुछ चरवाहे भेड़ चरा रहे थे. इस दौरान सभी चरवाहे उन्हें देखने आए. और इसी दिन प्रभु यीशु ने ईसाई धर्म की स्थापनी की. इसीलिए हर साल 25 दिसंबर के दिन क्रिसमस मनाया जाता है.