राजमाता विजयाराजे सिंधिया की पुण्यतिथि पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बीजेपी कार्यालय में उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान सीएम शिवराज ने कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया का प्रदेश के विकास में अतुल्यनीय योगदान है.
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भोपालः जनसंघ की नेता और बीजेपी की संस्थापक सदस्य राजमाता विजयाराजे सिंधिया की पुण्यतिथि पर राजधानी भोपाल स्थित बीजेपी कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हम सभी को राजमाता के विचारों के अनुरूप गरीबों की सेवा करनी है और प्रदेश की प्रगति के कामों को आगे बढ़ाना है. इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस की सरकार गिराई थी, अब उनके पोते ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में कांग्रेस की अल्पमत की सरकार गिराई. अब पूरा परिवार एक ही पार्टी में शामिल हो गया है.
सत्ता के लिए नहीं सेवा के लिए गिराई थी सरकारः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ''राजमाता जी ने तय किया था कि कांग्रेस की जनविरोधी नीतियों को वे मध्यप्रदेश में नहीं चलने देंगी. इसलिए उन्होंने सत्ता के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा के लिए कांग्रेस की सरकार गिराई थी. राजमाता किसी एक की माता नहीं थीं, वह लाखों-लाख कार्यकर्ताओं और युवाओं की माता थीं, मुझे उनके साथ काम करने का सौभाग्य मिला, अपने वात्सल्य और स्नेह की छाया उन्होंने हम सबको हमेशा दी. ''महलों में रहने वाली राजमाताजी आपातकाल के समय जेल में खूंखार अपराधियों के बीच में रहीं, लेकिन उन्होंने झुकना स्वीकार नहीं किया. जेल से निकलने के बाद वे गांव-गांव में घूमीं और जनसमर्थन जुटाया.''
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राजमाता नहीं लोकमाता थीः सीएम शिवराज
सीएम ने कहा कि ''एक बार जब होशंगाबाद में भीषण बाढ़ आई थी, तब राजमाता सरकार से पहले जनता की सेवा के लिए पहुंच गई थीं, वे राजमाता नहीं, लोकमाता थीं. हम सभी की मां थीं, सभी को समान रूप से स्नेह करती थीं. महलों में पली-बढ़ी राजमाता ने जनता की सेवा के लिए जितने बलिदान दिये, वह किसी और के लिए संभव नहीं है. भारतीय जनसंघ यदि जन-जन में समाया है और अब एक साथ हमने चुनाव जीतना शुरू किया, तो इसका श्रेय सबसे अधिक राजमाता विजयाराजे सिंधिया को जाता है.''
इसलिए नहीं बनी राष्ट्रीय अध्यक्ष
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने बताया कि बीजेपी ने राजमाता को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का फैसला लिया था. अटलजी और आडवाणी जी ने उनसे आग्रह किया कि वे राष्ट्रीय अध्यक्ष बने. लेकिन राजमाता ने कहा "मुझे राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनना. मैं पीछे से काम करूंगी". यही वजह है कि राजमाता का योगदान देश और प्रदेश के विकास में अतुल्यनीय है. उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और बीजेपी का यह विशाल वटवृक्ष देखकर राजमाता जी आज बहुत प्रसन्न होतीं. उनके कार्यों को आगे बढ़ाना ही उन्हें हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी. इसलिए बीजेपी के महिला मोर्चा को ऐसा काम करना चाहिए कि वो पूरे देश में एक मिसाल बन जाए.
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आज पूरा सिंधिया परिवार एक पार्टी में है
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज पूरा सिंधिया परिवार एक ही पार्टी में है. जिस तरह राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस की सरकार गिराई. उसी इतिहास को उनके पोते ने दोहराया और प्रदेश में अल्पमत की कांग्रेस सरकार गिरा दी. प्रदेश के विकास के लिए आज पूरा सिंधिया परिवार एक ही पार्टी में है.
राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने गिराई थी डीपी मिश्र की सरकार
दरअसल, जिस तरह ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ सरकार गिरवाकर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनवाई. ठीक उसी तरह 1967 में राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने कांग्रेस की डीपी मिश्र की सरकार गिरवा दी थी. विजयाराजे सिंधिया के साथ कांग्रेस के 36 विधायक विपक्षी खेमे में आ गए. जिसके बाद डीपी मिश्र की सरकार गिर गई और पहली बार मध्य प्रदेश में गैर कांग्रेसी सरकर बनी थी. तब गोविंदनारायण सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे. इस घटनाक्रम के बाद मध्य प्रदेश में जनसंघ तेजी से उभरा जिसका श्रेय राजमाता विजयाराजे सिंधिया को जाता है.
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