हींग के नाम पर ही अधिकतर लोग चुप हो जाते हैं. दरअसल हींग को अंग्रेजी में Asafoetida कहते हैं. हींग कोई फैक्ट्री में नहीं बनाई जाती बल्कि ये एक प्रकार के पौधे से निकलती है. हींग का पौधा एक बारहमासी शाक है.
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नई दिल्ली: हमारी रसोई में तरह-तरह के मसाले पाये जाते हैं. हमारा हर राज्य अपने खास व्यंजन के लिए प्रसिद्ध है. यहां के खाने में मसालों की एक अलग ही जगह है. सिर्फ स्वाद ही नहीं ये मसाले सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं. लेकिन क्या आपको हर मसाले का अग्रेजी नाम पता है. या आप भी मसाले के बारे में जानते हुए पूछे जाने पर उसका अंग्रेजी नाम बताने में अटक जाते हैं. यहां पढ़ें रसोई में रखें कई मसालों के अंग्रेजी नाम...
1-हींग: हींग के नाम पर ही अधिकतर लोग चुप हो जाते हैं. दरअसल हींग को अंग्रेजी में Asafoetida कहते हैं. हींग कोई फैक्ट्री में नहीं बनाई जाती बल्कि ये एक प्रकार के पौधे से निकलती है. हींग का पौधा एक बारहमासी शाक है. पौधे के विभिन्न वर्गों (इनमें से तीन भारत में पैदा होते हैं) के भूमिगत प्रकन्दों व ऊपरी जडों से रिसनेवाले शुष्क वानस्पतिक दूध को हींग के रूप में प्रयोग किया जाता है.
2-तेज पत्ता: इसे Bay leaf कहा जाता है. यह एक प्रकार का शुष्क और सुगन्धित पत्ता होता है, जिसका ज्यादातर उपयोग खाने को स्वादिष्ट बनाने के लिए मसाले के रूप में किया जाता है.
3-काली इलाइची: इसे अंग्रेजी में Black Cardamom कहते हैं. इसका इस्तेमाल खाने में सुगंध के लिए किया जाता है. लेकिन इसके कई औषधीय फायदे भी हैं. इलायची पौधे में लगती है. इसका पौधा 5 से 10 फिट की ऊंचाई का होता है. इलायची की खेती के लिए छाया और समुद्री हवा में नमी का होना जरूरी होता है. इसकी खेती लाल और दोमट मिट्टी में की जा सकती है.
4-जीरा: जीरे को अंग्रेजी में Cumin seeds कहते हैं. जीरे का उपयोग तो सबको पता है. ये पौधा पार्स्ले परिवार का ही सदस्य है. जिसकी ऊंचाई 30-50 सेमी (0.98-1.64 फीट) तक होती है. इसके तने में कई शाखाएं होती हैं, जिसमें से जीरे के दानों को हाथों का इस्तेमाल करके निकाला जाता है.
5-छोटी इलाइची: इसे अंग्रेजी में Green Cardamom कहते हैं. इसका इस्तेमाल ज्यादातर मिठाइयों और चाय में किया जाता है. छोटी इलायची का पौधा हमेशा हरा रहता है और इसकी ऊंचाई 5 फुट से 10 फुट तक होती है. इसके पत्ते बर्छे की आकृति के तथा दो फुट तक लंबे होते हैं. यह बीज और जड़ दोनों से उगता है. इसमें फसल तैयार होने में 3 से 4 साल लगते हैं. इसमें गुच्छों के रूप में फल लगते हैं.
6-अजवाइन: अजवाइन को अंग्रेजी में Carom Seeds कहते हैं. अजवाइन को खाने के साथ-साथ दवा के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है. अजवाइन का पौधा गमले में आसानी से लगाया जा सकता है. तीखे स्वाद वाला अजवाइन गैस, कब्ज से मुक्ति दिलाता है.
7-अजवाइन के पत्ते: लोग आजकल हर फूड में Oregano डालकर खाते हैं, चाहे वो पास्ता हो या पीजा. उन्हें लगता है ये कोई अलग ही मसाला है.लेकिन ये हमारी रसोई में पाई जाने वाली अजवाइन के सूखे पत्ते होते हैं.
8-दालचीनी: दालचीनी को अंग्रेजी में Cinammon कहते हैं. दालचीनी का इस्तेमाल मसालों के अलावा दवा के तौर पर भी किया जाता है. दालचीनी एक पेड़ की छाल है जो दक्षिण भारत में पाया जाता है. दालचीनी एक छोटा सदाबहार पेड़ होता है, जिसकी ऊंचाई 10–15 मीटर तक होती है.
9-जायफल: जायफल को अंग्रेजी में Nutmeg कहते है. इसे भी गर्म मसाले के अलावा औषधि के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. जायफल का पेड़ सदा हरा रहता है. पेड़ के बाहर छेद होते हैं. इसमें फल लगते हैं जब वह फल पक जाते हैं तो वह दो भागों में फट जाते हैं जिसमें से जायफल निकलता है.
10-जावित्री: इस मसाले को अंग्रेजी में Mace कहते हैं, इसे गर्म मसाले के रूप में खाने में इस्तेमाल करते हैं. जावित्री भी जायफल के पेड़ से ही प्राप्त होती है. फल के अंदर जिस फूल में जायफल लिपटा होता है, वही जावित्री होती है.
11-लौंग: लौंग को अंग्रेजी में Clove कहते हैं. इसे खांसी-जुकाम में भी इस्तेमाल किया जाता है.यह एक सदाबहार पेड़ है. खास बात है कि इसका पौधा एक बार लगाने के बाद कई सालों तक चलता है. देश के सभी हिस्सों में लौंग की खेती की जाती है.
12-धनिया पाउडर: धनिया पाउडर को अंग्रेजी में Coriander powder कहते हैं. धनिया का हर तरह से होता है. चाहे इसकी पत्तियां हों या साबुत धनिया या फिर इसका पाउडर. ये छोटे से पौधे के रूप में लगता है. इसे गमले में भी उगाया जा सकता है.
13-कड़ी पत्ता: इसे अंग्रेजी में Curry leaf कहते हैं. इसे मीठा नीम भी कहा जाता है. लोग इसे खाने का जायका बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. खासतौर पर साउथ इंडियन खाने में इसे इस्तेमाल किया जाता है. इसके पेड़ की ऊंचाई काफी ज्यादा भी हो सकती है. हालांकि इसे गमले में भी लगाया जाता है.
14-मेथी के दानें: इसे अंग्रेजी में Fenugreek seed कहते हैं. इसे सेहत को होने वाले नुकसान से बचने के लिए खाने में इस्तेमाल किया जाता है. इसका पौधा 2-3 फीट तक बढ़ सकता है. इसकी पत्तियों को पराठे और सब्जी में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसके बीज दवा के तौर पर भी इस्तेमाल किए जाते हैं.
15-सौंठ: सौंठ को अंग्रेजी में Dry Ginger कहते हैं. इसे सर्दी में इस्तेमाल किया जाता है. ये सूखी हुई अदरक होती है, जिसे दवा के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाता है.
16-सौंफ: सौंफ को अंग्रेजी में Fennel seed कहा जाता है. इसे अचार से लेकर चाय तक में इस्तेमाल किया जाता है. ये हाजमें के लिए बेहतर माना जाता है. इसका पौधा ज्यादा ऊंचा नहीं होता है.
17-खसखस या पोस्त को अंग्रेजी में Poppy Seed कहते हैं.
18-काला नमक को अंग्रेजी में Black Salt कहते हैं.
19-सेंदा नमक को Rock Salt कहते हैं.
20-काली मिर्च को Black Pepper कहते हैं.
21-दखनी मिर्च को White Pepper कहते हैं.
22-केसर को Safron कहते हैं.
23-खमीर को Yeast कहते हैं.
24-चक्र फूल को Star Anise कहते हैं.
25-इमली को Tamarind कहते हैं.
26-सफेद तिल को white sesame seed कहते हैं.
27-हरड़ को Dry myrobalan कहते हैं.
28-मुलैठी को Licorice कहते हैं.
29-साबुदाना को अंग्रेजी में Sago कहते हैं.
30-फिटकरी को अंग्रेजी में Alum कहते हैं.
31-टाटरी को lemon salt कहते हैं.
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