कृषि कानून के तहत 24 घंटे में शिकायत का हुआ समाधान, CM शिवराज ने Tweet कर दी जानकारी
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कृषि कानून के तहत 24 घंटे में शिकायत का हुआ समाधान, CM शिवराज ने Tweet कर दी जानकारी

दिल्ली की फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी ने किसानों के साथ 3 जून को अनुबंध के अनुसार धान की खरीदी शुरू की थी. लेकिन 9 दिसंबर को भाव बढ़ने के बाद ही कंपनी के कर्मचारियों ने खरीदी बंद कर दी और फोन भी बंद कर दिए.

देशभर के किसान कृषि कानूनों के खिलाफ ही आंदोलन कर रहे हैं

होशंगाबाद/भोपालः एक ओर जहां देशभर के किसान दिल्ली की सिंघु बॉर्डर पर केंद्र सरकार के तीन नए कृषि सुधार कानूनों का विरोध कर रहे हैं. तो वहीं मध्य प्रदेश में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग अधिनियम (Contract Farming Act) के तहत होशंगाबाद में पहली कार्रवाई की गई है. CM शिवराज सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.

24 घंटे में मिला न्याय

यहां दिल्ली की एक कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट के बाद भी धान नहीं खरीदा. जिस पर केंद्र के नए कानून के तहत शिकायत दर्ज कराई गई थी. कृषि विभाग  ने किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) 'अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020' (Farm Laws) नियमों के तहत एक्शन लिया. जिसके बाद 24 घंटे के अंदर कंपनी फिर से किसानों का धान खरीदने पर राजी हो गई है.

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SDM से की शिकायत

दरअसल, जिले के पिपरिया तहसील के भौखेड़ी सहित अन्य गांवों के किसानों से मंडी के उच्चतम मूल्य पर धान खरीदी करने के लिए जून 2020 में फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी दिल्ली ने लिखित करार किया था. कंपनी ने शुरू में अनुबंध के अनुसार धान की खरीद की. लेकिन संबंधित धान के भाव 3000 रुपये प्रति क्विंटल होने पर 9 दिसंबर को कंपनी के कर्मचारियों ने खरीदी बंद कर फोन बंद कर लिए.

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10 दिसंबर को भौखेड़ी के किसान पुष्पराज पटेल और ब्रजेश पटेल ने एसडीएम पिपरिया को शिकायत की. शिकायत पर जिला प्रशासन ने कृषि विभाग से मार्गदर्शन मांगा. कृषि विभाग ने उन्हें कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट की धारा 14 के तहत सर्वप्रथम बोर्ड के गठन की कार्रवाई करने और फिर भी व्यापारी के न मानने पर उसके खिलाफ आदेश पारित करने की सलाह दी.

24 घंटे में मांगा जवाब
मामले में SDM पिपरिया ने नोटिस जारी कर फॉर्चून राइस लिमिटेड के प्रतिनिधी से 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा. कंपनी की ओर से डायरक्टर अजय भलोटिया ने जवाब दिया. जिस पर कृषक सशक्तिकरण एवं संरक्षण अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 की धारा 14 (2) (ए) के तहत गठन किया. बोर्ड में तहसीलदार पिपरिया और किसानों के प्रतिनिधि को शामिल किया गया.

कंपनी ने धान खरीदने पर दी सहमति
बोर्ड के समक्ष कंपनी ने 9 दिसंबर के पहले अनुबंध अनुसार उच्चतम दर पर धान क्रय करना स्वीकार किया और बाजार मूल्य बढ़ जाने पर खरीदी अनुबंध के अनुसार नहीं करने की बात मान ली गयी. बोर्ड में सहमति के आधार पर फॉर्चून राइस लिमिटेड कंपनी दिल्ली ने अनुबंधित कृषकों से 2950 रुपये के साथ 50 रुपये बोनस कुल 3,000 प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदने के लिए सहमति दी.

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मामले के बाद अधिकारियों ने कहा है कि नए कृषक कानून के माध्यम से शिकायत आने के 24 घंटे के अंदर ही किसानों को अनुबंध अनुसार उच्चतम दाम दिलाया जा सका. अब फैसले के बाद किसान अपनी फसल कंपनी को बेच सकेंगे. उनके हितों के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा.

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