'तुम जानते नहीं मैं कौन हूं, दो दिन में नौकरी से निकलवा दूंगा!', ग्वालियर की डॉक्टर ने बयां किया दर्द
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'तुम जानते नहीं मैं कौन हूं, दो दिन में नौकरी से निकलवा दूंगा!', ग्वालियर की डॉक्टर ने बयां किया दर्द

युवक रोज नए मरीजों को लाकर उनका इलाज जल्दी करने का दबाव बनाता है. जबकि हॉस्पिटल में अन्य गंभीर मरीज लंबी कतारों में खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं.

ग्वालियर की महिला डॉक्टर ज्योति सिंह ने Video इंटरनेट पर शेयर किया

ग्वालियर/शैलेंद्रः ग्वालियर के हजीरा सिविल अस्पताल की महिला डॉक्टर का एक Video इंटरनेट पर वायरल होने लगा है. डॉक्टर वीडियो में कहते नजर आ रही हैं कि एक युवक पिछले कुछ दिनों से उन्हें परेशान कर रहा है. वह रोज नए मरीजों को लाकर उनका इलाज जल्दी करने का दबाव बनाता है. जबकि हॉस्पिटल में अन्य गंभीर मरीज लंबी कतारों में खड़े होकर इंतजार कर रहे हैं. उसे नियम बताते हैं तो वह अभद्रता करने लग जाता है.

400 मरीजों की रोज देखभाल करती हैं
महिला डॉक्टर डेंटल सर्जन ज्योति सिंह हैं, जो इस वक्त कोरोना सैम्पलिंग विभाग में ड्यूटी कर रही हैं. उन्होंने Video के माध्यम से बताया कि वह रोज 400 मरीजों की देखभाल करती हैं, लेकिन पिछले चार दिनों से बड़ी समस्या होने लगी. एक व्यक्ति जिसे वो नहीं जानती कौन है, रोज अलग-अलग बीमारी के मरीजों को लेकर हॉस्पिटल आकर उन्हें परेशान करता है.

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सुबह 9 बजे से इलाज का इंतजार करते हैं मरीज
युवक कहता है कि वह केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के यहां से आया है, इसलिए उनके मरीजों का जल्दी इलाज किया जाए. डॉक्टर ने बताया कि हॉस्पिटल में कई मरीज सुबह 9 बजे से लाइन लगाकर इलाज के लिए इंतजार करते हैं, कई गंभीर बीमारी वाले मरीज भी हैं. ऐसे में इन लोगों का पहले इलाज किया जाए या किसी ऐसे व्यक्ति के परिजनों का जो मंत्री के नाम की धौंस दिखाकर हॉस्पिटल स्टाफ को धमका रहा है.

'तुम जानते नहीं मैं कौन हूं'
महिला डॉक्टर ने बताया कि उन्हें समझ नहीं आता कि वह क्या करे. युवक आज फिर हॉस्पिटल में आकर मरीजों के इलाज के लिए दबाव बनाने लगा, उसी वक्त दो गर्भवती महिलाओं का इलाज होना था. उन्होंने पहले महिलाओं का इलाज करने की बात कही, लेकिन युवक उन्हें धमकाते हुए कहने लगा, "तुम जानते नहीं मैं कौन हूं, दो दिन में नौकरी से निकलवा दूंगा." डॉ ज्योति ने बताया कि कई गंभीर मरीजों को छोड़कर उन्हें युवक के मरीजों का टेस्ट कराना पड़ा, बावजूद इसके वह अभद्रता व बदतमीजी से ही बात कर रहा था.

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'ऐसी परिस्थिति में वह काम नहीं करना चाहतीं'
महिला डॉक्टर ने अंत में कहा कि उन्होंने ये काम लोगों की सेवा करने के लिए ही चुना है, लेकिन कुछ लोगों के व्यवहार से उनके मन को चोट पहुंचती हैं. इन परिस्थितियों में उनके हॉस्पिटल का कोई भी स्वास्थ्य कर्मी काम नहीं करना चाहता. उन्होंने प्रशासन से निवेदन करते हुए कहा कि कोरोना से हालात दुखद है, ऐसे में उन्हें कम से कम इन लोगों से तो बहस नहीं ही करना है.

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