प्यास: नगर पालिका ने कब्जे में लिए इस शहर के सभी निजी जल स्त्रोत, इस वजह से लिया फैसला
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प्यास: नगर पालिका ने कब्जे में लिए इस शहर के सभी निजी जल स्त्रोत, इस वजह से लिया फैसला

शहर में दो दिन से पानी की सप्लाई नहीं हुई है.

मंदसौर में भारी जल संकट

मंदसौरः मालवाचंल का मंदसौर शहर इन दिनों भारी जलसंकट से जूझ रहा है. मानसून की बेरुखी की वजह से मंदसौर जिले में भी में पानी की किल्लत बढ़ती जा रही है. आलम यह है कि ग्रामीणों को पानी के लिए दूर-दूर तक भटकना पड़ रहा है. आलम यह है कि नगर पालिका ने लोगों के निजी पेयजल स्त्रोतों को अधिग्रहित कर लिया है. 

2 दिन से नहीं हुई जल सप्लाई 
बता दें कि मंदसौर शहर में दो दिन से पानी की सप्लाई नहीं हुई है. शहरी क्षेत्र में पेयजल सप्लाई के लिए नगर पालिका को 20 निजी पेयजल स्त्रोतों को अधिग्रहित करना पड़ा है. वहीं नगर पालिका के अधिकारियों का कहना है कि इस समस्या का समाधान पर्याप्त वर्षा होने पर ही हो पाएगा. क्योंकि शहर में जल सप्लाई करने वाले सभी संसाधन बंद हो गए हैं. यही वजह है कि शहर के निजी जल स्त्रोतों को अधिगृहित किया जा रहा है. 

शिवना नदी में नहीं है पानी 
नगरपालिका के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पीके सुमन के अनुसार शहर के पेयजल के स्त्रोत शिवना नदी और काला भाटा बांध में पेयजल सप्लाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं है. इसकी वजह से 20 निजी पेयजल स्त्रोतों को अधिकृत किया गया है, शहर में पानी की सप्लाई के लिए टैंकरों की भी मदद ली जा रही है, लोगों के लिए सार्वजनिक ट्यूबवेल पर अतिरिक्त नल लगाए गए हैं, पेयजल संकट से निपटने के लिए पर्याप्त इंतजाम किए जा रहे हैं और इनकी समय-समय पर समीक्षा भी की जा रही है. चंबल से आ रही पाइप लाइन के जरिए 50 प्रतिशत पेयजल की पूर्ति की जा रही है जबकि 50 प्रतिशत पेयजल अन्य स्रोतों से इकट्ठा किया जा रहा है. 

वहीं जानकारों का कहना है कि यदि वर्षा में और कमी होती है तो जल संकट की स्थिति विकराल रूप ले सकती है, क्योंकि मालवाअंचल में अब तक पर्याप्त बारिश नहीं हुई है. जिस तरह मंदसौर में पानी की समस्या हो रही है, उसी तरह निमाड़ अंचल के खंडवा में भी भारी जल संकट चल रहा है. 

जलसंकट पर सियासत 
मंदसौर में जलसंकट पर जमकर सियासत भी हो रही है. बीजेपी और कांग्रेस के नेता एक दूसरे पर आरोप भी लगा रहे हैं. कांग्रेस नेता और पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष हनीफ शेख ने आरोप लगाया कि शहर को पेयजल सप्लाई करने वाले तमाम पेयजल स्त्रोत पूरी तरह से सूख चुके हैं. शहर की पेयजल आपूर्ति चंबल योजना के तहत एक पंप से आने वाले पानी से की जा रही है. पिछली नगर पालिका ने इस योजना पर ध्यान नहीं दिया.

बीजेपी ने किया बड़ा दावा
बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया बताते हैं कि पिछले साल बारिश कम हुई जिसकी वजह से जिन जल स्त्रोतों पर हम पेयजल के लिए निर्भर रहते हैं. वे भर नहीं पाए थे. इस बार भी अभी बारिश नहीं हुई है इस वजह से जल संकट खड़ा हुआ है. शहर में नल कनेक्शनों की संख्या भी काफी बड़ी है. पाइपलाइन के जरिए चंबल का पानी लाने की योजना से 30% पानी की आपूर्ति की जा रही है. यह कहना गलत है कि यह योजना फेल हुई है. अभी इसकी टेस्टिंग चल रही है.

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