International Yoga Day पर आज बात योग की उस ताकत की, जिसे समझकर इंसान भगवान का दर्जा पा सकता है...
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International Yoga Day: आज दुनिया में विश्व योग दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर दुनियाभर में आयोजन किए जा रहे हैं लेकिन आमतौर पर ये सभी आयोजन योग को एक एक्सरसाइज और तनाव दूर करने की प्रैक्टिस दिखाने तक सीमित हैं. सही मायने में योग इससे कहीं आगे की चीज है. कई बार आपके मन में मानवीय अस्तित्व को लेकर सवाल आ सकता है कि आखिर इंसान की मौजूदगी की वजह क्या है और इसका क्या उद्देश्य है. योग से इंसान को ऐसे सवालों के जवाब मिल सकते हैं. ये कहें कि योग खुद को तलाशने की यात्रा है, जिससे जीवन के नए आयाम खुल सकते हैं तो गलत नहीं है. तो इस योग दिवस पर आइए जानते हैं योग के इस कम जाने पहचाने पहलू को...
योग क्या है?
योग संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है जोड़ना. योग का सही मायनों में अर्थ है शरीर की सारी ताकत, हमारे दिमाग और हमारी आत्मा का भगवान से जुड़ाव. योग हमारी सोच, दिमाग और हमारी भावनाओं में अनुशासन लेकर आता है. आज तनाव इंसानी जीवन का हिस्सा है लेकिन बदलते समय के साथ अब यह इतना ज्यादा हो चुका है कि इसने मानवीय जीवन को बुरी तरह प्रभावित करना शुरू कर दिया है. अध्यात्म की भाषा में समझें तो तनाव और कुछ नहीं हमारे दिमाग में एक साथ बहुत सारे विचारों का आना है. ये विचार हमारे मन में डर, चिंता जैसे भाव पैदा करते हैं और इन भावों की अधिकता ही तनाव कहलाता है. योग से हमारा दिमाग शांत होता है और विचारों पर नियंत्रण होता है. जिससे तनाव अपने आप दूर हो जाता है.
इंसान को दे सकता है भगवान का दर्जा
आध्यात्मिक गुरू जग्गी वासुदेव का कहना है कि इंसानी जीवन अपार संभावनाओं से भरा हुआ है. जिस तरह चार्ल्स डार्विन ने बताया कि इंसान का विकास बंदर से हुआ है और आज हम मौजूदा रूप में हैं. जग्गी वासुदेव कहते हैं कि मानवीय जीवन का विकास क्रम रुका नहीं है, शारीरिक तौर पर वह आज भी जारी है लेकिन मानसिक तौर पर शायद उसमें थोड़ा ठहराव आ गया है. योग उस ठहराव को दूर कर विकास की रफ्तार को कई गुना तेज कर सकता है. सनातन धर्म में माना जाता है कि इंसान खुद को खोज कर और ज्ञान अर्जित कर भगवान का दर्जा पा सकता है. योग इंसानी जीवन के सर्वोच्च आयाम को प्राप्त करने का सबसे सशक्त माध्यम है.
आध्यात्मिक पहलू के अलावा अगर भौतिक जीवन की बात करें तो तकनीक के चलते इंसानी दिमाग की कार्यक्षमता सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है. एक तो एकाग्रता में कमी आई है, दूसरा इंसान की रचनात्मकता और कल्पनाशीलता में भी कमी आई है. तकनीक ने हमारे जीवन की रफ्तार को तेज कर दिया है. जिसके चलते जीवन में ठहराव की कमी महसूस हो रही है. कहा जाता है कि कल्पनाशीलता हमेशा ठहराव और शांति में उभरती है. योग ध्यान हमारे जीवन में ठहराव लेकर आता है. मन का, जीवन का यह ठहराव हमारी फैसले लेने की क्षमता को बेहतर बनाता है.
तो इस योग दिवस पर हम तय करें कि अपने जीवन में थोड़ा समय अपने लिए निकालें और योग करें. खुद को खोजें और एक बात और योग को किसी धर्म से ना जोड़ें. योग सभी के लिए है. तो एक बार फिर सभी को योग दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं...