'आप तो सैलरी ले लोगे, Lockdown में नुकसान हमें होगा', सवाल से विचलित हो CSP ने किया कुछ ऐसा, CM ने की तारीफ
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'आप तो सैलरी ले लोगे, Lockdown में नुकसान हमें होगा', सवाल से विचलित हो CSP ने किया कुछ ऐसा, CM ने की तारीफ

कुछ कोरोना योद्धा ऐसे भी हैं जो इस मुश्किल वक्त में भी लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. उन्हीं में से एक जबलपुर के CSP अखिलेश गौर भी हैं.

जबलपुर CSP अखिलेश गौर

कर्ण मिश्रा /जबलपुर: कोरोना महामारी में चारों ओर से टेंशन और परेशानियां सामने आने लगीं, कहीं ऑक्सीजन की कमी, कहीं रेमडेसिविर की तो कहीं बेड की. इतना ही नहीं इन उपकरणों की कालाबाजारी भी जमकर सामने आ रही है. इसी बीच कुछ कोरोना योद्धा ऐसे भी हैं जो इस मुश्किल वक्त में भी लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. उन्हीं में से एक जबलपुर के CSP अखिलेश गौर भी हैं, जिन्होंने अपनी एक माह की सैलरी मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने का फैसला किया.

CM शिवराज ने की सराहना
CSP ने सैलरी देते हुए राज्य के अन्य प्रथम व द्वितीय श्रेणी अधिकारियों से भी अपनी एक माह की सैलरी राहत कोष में देने की अपील की. जिससे कि प्रदेश के जरूरतमंदों की मदद की जा सके. इसी उद्देश्य से उन्होंने भी यह पहल की. उनकी इस पहल को मध्य प्रदेश के CM शिवराज सिंह चौहान ने भी सराहा. इस ट्वीट में देखिए उन्होंने CSP के लिए क्या कहा...  

 

'CM की सराहना के लिए धन्यवाद'
CSP ने कहा, "मैं 1 माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर रहा हूं. एक आम आदमी की समस्याओं को समझने के लिए और उनकी इस विषम आर्थिक परिस्थिति में उनके समकक्ष रहकर इस कोरोना संकट से लड़ने के लिए मेरे द्वारा एक निर्णय लिया गया जिसे माननीय मुख्यमंत्री महोदय द्वारा भी स्वीकार किया गया मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं. मैं हमारे कप्तान पुलिस अधीक्षक महोदय सिद्धार्थ बहुगुणा का भी आभारी हूं, जिन्होंने मुझे यह निर्णय लेने के लिए स्वतंत्रता दी."

मैं 1 माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा कर रहा हूं । एक आम आदमी की समस्याओं को समझने के लिए और उनकी इस विषम...

Posted by Csp Gohalpur Akhilesh Gour on Tuesday, April 27, 2021

 

इस काम के लिए कहां से मिली प्रेरणा?
एक माह की सैलरी दान करने को लेकर जब उनसे पूछा गया कि आपको इस काम के लिए प्रेरणा कहां से मिली. तब उन्होंने कहा कि हनुमानताल थाना में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में जिले में शांति व्यवस्था के लिए लोगों से चर्चा हो रही थी. तब एक व्यक्ति ने सवाल किया, "आप लोगों को तो सैलरी मिल रही है इसलिए आप लॉकडाउन के पक्ष में हैं लेकिन बाकी आम जन को एक माह से कोई रोजगार नहीं मिलेगा और ना उनके पास अन्य कोई साधन है. क्या आप लोग भी अपनी सैलरी लेने से मना कर सकते हैं?" CSP ने कहा कि इसी बात से अंतरात्मा की आवाज सुनकर उन्होंने सैलरी देने का निर्णय लिया.

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