पूरा सोशल मीडिया हुआ पड़ा है जिस Baby Punganur Cow का दीवाना, जानें उसकी खासियत
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पूरा सोशल मीडिया हुआ पड़ा है जिस Baby Punganur Cow का दीवाना, जानें उसकी खासियत

यह गाय की एक विलुप्त होने की कगार पर खड़ी प्रजाति है. दिखने में बहुत सुंदर. पुंगनूर गाय 3 से 4 फीट की होती हैं, वजन 150 से 200 किलो होता है. इस नस्ल की गायें एक दिन में 4 से 5 लीटर हाई फैट मिल्क देती हैं.

पुंगनूर को "Dwarf Cow" के नाम से जाना जाता है.

नई दिल्ली: इन दिनों सोशल मीडिया में गाय की बछिया का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है. सबसे पहले आंध्र प्रदेश सरकार के सलाहकार और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSR Congress Party) के नेता एस राजीव कृष्णा ने ट्विटर पर 14 फरवरी को इस वीडियो को शेयर किया था. उन्होंने वीडियो के कैप्शन में लिखा था, ''पुंगनूर नस्ल की बछिया मेरे घर आई है. यह गाय की एक विलुप्त होने की कगार पर खड़ी प्रजाति है. दिखने में बहुत सुंदर. पुंगनूर गाय 3 से 4 फीट की होती हैं, वजन 150 से 200 किलो होता है. इस नस्ल की गायें एक दिन में 4 से 5 लीटर हाई फैट मिल्क देती हैं.''

पुंगनूर को "Dwarf Cow" के नाम से जाना जाता है 
इसके बाद से ही इस बेबी पुंगनूर का वीडियो ट्विटर पर खूब वायरल है. लोग पुंगनूर बछिया को देखकर खुद को इसकी तारीफ करने से नहीं रोक पा रहे. आंध्र प्रदेश की देसी गाय की नस्ल ''पुंगनूर'' को ड्वार्फ काउ के नाम से जाना जाता है. यह एक विशेष और दुर्लभ किस्म की गाय की नस्ल है जिसकी उत्पत्ती आंध्र-प्रदेश के चित्तूर जिले के पुंगनूर गांव में हुई थी.

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इसलिए इस नस्ल को पुंगनूर नाम दिया गया. आमतौर पर गाय के दूध में 3-3.5 प्रतिशत तक फैट होता है, लेकिन पुंगानूर गाय के दूध में 8 प्रतिशत तक फैट मिलता है, जो भैंस के दूध के बराबर है. इस गाय की कीमत 3.5 लाख रुपए तक है. इस गाय को विजयनगर साम्राज्य और पीथमपुर शासकों के समय संरक्षण प्राप्त था. पुंगनूर गाय आंध्र प्रदेश में आज भी लोगों का स्टेटस सिंबल है.

आंध्र सरकार संरक्षण के लिए चला रही ''मिशन पुंगनूर''
यह गाय दिनभर में केवल 5 किलो चारा खाकर पुंगनूर गाय 5 लीटर तक दूध दे सकती है. इस वजह से यह गाय बहुत गर्म इलाकों, जहां सूखे की स्थिति होती है, वहां भी सूखा चारा खाकर जीवित रह सकती है. गाय की पुंगनूर नस्ल विलुप्त होने की कगार पर है. भारत में बमुश्किल 1000 पुंगनूर नस्ल की गायें बची हैं. बीते साल 30 अक्टूबर को 'द हिंदू' अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक पुंगनूर नस्ल को विलुप्त होने से बचाने के लिए आंध्र पदेश सरकार ने ''मिशन पुंगनूर'' शुरू किया है.  इसके अंतर्गत गुंटूर के लाइवस्टॉक रिसर्च स्टेशन में 50 पुंगनूर नस्ल की गायों को संरक्षित किया गया है. 

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अच्छे दाम में बिकता है पुंगनूर गाय का मूत्र और गोबर 
यहां इस नस्ल के गायों की हाई क्वालिटी सिमेन तैयार ​की जाती है. इसके अलावा तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर वेटरनरी यूनि​वर्सिटी (SVVU) और पुलिवेंदुला स्थित आंध्र प्रदेश सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च इन लाइवस्टॉक लिमिटेड (APCARL) में ''मिशन पुंगनूर'' को लागू करने के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने 2020 में 69.39 करोड़ रुपए जारी कर चुकी है. इसके दूध में कई औषधीय गुण भी मौजूद हैं. द हिंदू की रिपोर्ट को मानें तो इस नस्ल की गाय का मूत्र 10 रुपए प्रति लीटर में बिकता है और इसका गोबर 5 रुपए प्रति किलो के हिसाब से. पुंगनूर गाय का मूत्र 'हाईली एंटी बैक्टीरियल' होता है जिसका इस्तेमाल आंध्र के किसान फसलों पर छिड़काव के रूप में करते हैं.

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