नवाबी नामों से मुक्त होगा मध्यप्रदेश! भोपाल समेत कई स्थानों के नाम बदलने की तैयारी
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नवाबी नामों से मुक्त होगा मध्यप्रदेश! भोपाल समेत कई स्थानों के नाम बदलने की तैयारी

मध्य प्रदेश में शहरों के नाम बदलने की शुरुआत नर्मदापुरम (होशंगाबाद) और भेरूंदा (नसरल्लागंज) से हो गई है. 

नवाबी नामों से मुक्त होगा मध्यप्रदेश! भोपाल समेत कई स्थानों के नाम बदलने की तैयारी

भोपाल: शिवराज सरकार मध्य प्रदेश में कई शहरों और स्थानों के नाम बदलने की तैयारी में है. इसमें राजधानी भोपाल और यहां का मिंटो हॉल भी शामिल है. मिंटो हॉल का उपयोग लंबे समय तक विधानसभा भवन के तौर पर होता रहा है. अब मध्य प्रदेश सरकार ने इसका नाम बदलने की दिशा में काम शुरू कर दिया है.

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​जिन शहरों और स्थानों के नाम बदलने पर विचार चल रहा है वहां निवासी और जनप्रतिनिधि लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे. इसके साथ ही भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलने की भी मांग उठती रही है.  कुछ समय पहले विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने भोपाल के ईदगाह हिल्स का नाम गुरुनानक टेकरी करने की मांग रख चुके हैं. इससे पहले नगर निगम परिषद भोपाल शहर का नाम बदलकर भोजपाल करने का प्रस्ताव पारित कर चुका है, य​ह प्रस्ताव फिलहाल शासन स्तर पर लंबित है.

होशंगाबाद से हुई शुरुआत
मध्य प्रदेश में शहरों के नाम बदलने की शुरुआत नर्मदापुरम (होशंगाबाद) और भेरूंदा (नसरल्लागंज) से हो गई है. इसी कड़ी में राज्य सरकार राजधानी भोपाल, यहां के मिंटो हॉल, ईदगाह हिल्स, रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज, गैरतगंज, बेगमगंज और गौहरगंज, बुरहानपुर शहर, सुल्तानपुर समेत एक दर्जन शहरों-स्थानों के नाम बदलने की तैयारी में है.

गृह विभाग नाम परिवर्तन करता है
दरअसल शहर के स्थानीय नागरिक और जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र, स्थान या जिले के नाम बदलने की मांग करते हैं. इसके बाद स्थानीय निकाय इसका प्रस्ताव शासन को भेजता है और कैबिनेट मंजूरी के बाद यह प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा जाता है. उनके अनुमोदन के बाद गृह विभाग नाम परिवर्तन की अधिसूचना जारी करता है. 

भोपाल सांसद ने भी उठाई मांग
भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भोपाल के इस्लामनगर, लालघाटी, हलाली डैम और हलालपुरा बस स्टैंड नाम बदलने की मांग कर चुकी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी इन स्थानों के नाम बदलने की मांग कर चुकी हैं. दोनों भाजपा नेत्रियों का कहना है कि ये सभी नाम मुस्लिम शासकों के वक्त रखे गए थे. 

साध्वी प्रज्ञा ने कहा था कि कालांतर में मुस्लिम शासकों ने लालघाटी को रक्त से लाल किया था. इसी तरह इस्लामनगर पूर्व में ईश्वर नगर हुआ करता था. इसलिए इन सभी स्थानों के नाम बदल कर क्रांतिकारी वीरों के नाम पर रखे जाएंगे. उमा भारती ने भी कहा था कि लालघाटी और हलाली डैम के नाम मुगलों की क्रूरता की याद दिलाते हैं. इनको बदलने की जरूरत है.

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सुल्तानजहां बेगम ने रखी लॉर्ड मिंटो हॉल की नींव
सन् 1909 में भारत के तत्कालीन वायसराय लॉर्ड मिंटो भोपाल आए हुए थे. उन्हें राजभवन में रुकवाया गया था लेकिन वह यहां की व्यवस्थाओं से नाराज थे. तब तत्कालीन नवाब सुल्तानजहां बेगम ने 12 नवंबर 1909 को लार्ड मिंटो हॉल की नींव रखी थी.

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