राज्य में शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. पढ़िए पूरी खबर..
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भोपाल: मुरैना में जहरीली शराब पीने से 26 लोगों की मौत होने के बाद सूबे की सियासत गरमा गई. राज्य में शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने को लेकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा खुद प्रदेश में शराब दुकानें खोलने की वकालत कर रहे हैं तो दूसरी तरफ आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने साफ कर दिया है कि शराब दुकानें बढ़ाने पर फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा. इस सब के बीच कांग्रेस BJP पर हमलावर हो गई है, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कह चुके हैं कि सभी पहलुओं पर विचार करने के बाद जनहित में फैसला करेंगे'.
नरोत्तम मिश्रा के शराब की दुकानें बढ़ाने वाले बयान को लेकर कांग्रेस मध्यप्रदेश बीजेपी पर हमलावर हो गई है. इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि कमलनाथ सरकार की नीतियों का पालन करना है तो गृहमंत्री उसकी आलोचना क्यों कर रहे हैं. शिवराज सरकार का दुकान बढ़ाने का असली उद्देश्य शराब माफिया को बचाने का है. शराब की दुकान बढ़ाने पर कांग्रेस के आरोपों पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की दो मुंही नीति है. कमलनाथ सरकार ने अपने फायदे के लिए शराब की कीमत बढ़ाई थी.'
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क्या कहा था नरोत्तम मिश्रा ने
बता दें कि एक दिन पहले ही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कमलनाथ सरकार के दौरान के गजट नोटिफिकेशन का जिक्र किया था है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने गांव में 5 किलोमीटर के दायरे में शराब दुकानें खुलने का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था. मैं भी इसी पक्ष में हूं कि दुकानों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि अमानक शराब मार्केट में नहीं आए, इससे अवैध शराब नहीं बिकेगी.
अपने बयान पर कायम हैं नरोत्तम मिश्रा
अपने इस बयान पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा कायम हैं. गुरूवार एक बार फिर उन्होंने एक बार फिर कि प्रदेश में अवैध शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए मैंने दुकानों की संख्या बढ़ाने की तर्क सम्मत बात सबके सामने रखी है. इस पर अंतिम निर्णय लेने का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री जी को है. इस बारे में मतभेद जैसी कोई बात नहीं है.
नरोत्तम मिश्रा ने दिया था ये तर्क
शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने पर नरोत्तम मिश्रा ने तर्क दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की दुकानें नहीं होने से अवैध शराब का कारोबार बढ़ रहा है. इसलिए आबकारी नीति में बदलाव कर शराब के लाइसेंस की संख्या बढ़ाई जा सकती है. इस तरह से अवैध शराब पर अंकुश लगाया जा सकता है. गृह मंत्री ने इसके फायदे गिनाते हुए कहा था कि जब लोगों को सही दाम पर वैध शराब मिलेगी तो वह अवैध और नकली शराब नहीं खरीदेंगे. दूसरा वैध शराब की विक्री से राजस्व भी बढ़ेगा.
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