कार दे रही वारदात को अंजाम!! थाने के चक्कर लगाकर मालिक परेशान...
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कार दे रही वारदात को अंजाम!! थाने के चक्कर लगाकर मालिक परेशान...

शिवपुरी में एक कार लगातार आपराधिक वारदातों को अंजाम दे रही है. पढ़िए पूरी खबर....

कार दे रही वारदात को अंजाम!! थाने के चक्कर लगाकर मालिक परेशान...

शिवपुरी: आपको 'टार्जन द वंडर कार' फिल्म तो याद ही होगी. जिसमें एक कार रात के वक्त अपने आप चलकर घर से बाहर जाती है और वारदात को अंजाम देकर वापस आकर खड़ी हो जाती है. कार मालिक को इसकी भनक तक नहीं लगती. इसके बाद पुलिस जब कार मालिक के घर जाती है तो वो पुलिस से कहता है कि 'मेरी कार तो घर पर ही खड़ी थी, फिर मेरी कार किसी वारदात को कैसे अंजाम दे सकती है. 

यह तो हुई फिल्मी बात, लेकिन हकीकत में भी 'फिल्म टार्जन द वंडर कार' से मिलता जुलता मामला मध्य प्रदेश के शिवपुरी से सामने आया है, जहां एक कार मालिक से पूछताछ करने पुलिस एक महीने में तीन बार उसके घर पहुंची. थाने ले जाकर पुलिस ने कार मालिक से कहा कि उनकी कार द्वारा लगातार आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. पुलिस द्वारा लगातार पूछताछ करने से परेशान कार मालिक अब अपनी कार को पुलिस के हवाले करना चाहते हैं. 

यह है पूरा मामला
दरअसल, शिवपुरी शहर के नवाब साहब रोड के पास रहने वाले रिटायर्ड पटवारी जगदीश श्रीवास्तव व उनके बेटे पवन श्रीवास्तव को बिना वजह परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है. रिटायर्ड पटवारी जगदीश श्रीवास्तव ने अपने नाम पर मारुति की स्विफ्ट कार खरीदी थी. जिसका नंबर एमपी 33 सी 4658 है. उनका आरोप है कि बदमाशों ने इस गाड़ी की नंबर प्लेट लगाकर कई जगह आपराधिक वारदातों को अंजाम दिया. जब मामलों की जांच की गई तो गाड़ी का नंबर सामने आते ही पुलिस हर बार उनके घर पहुंच जाती है. ऐसा पहली बार नहीं बल्कि तीन बार हो चुका है. 

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पुलिस के हवाले करना चाहते हैं अपनी कार
अब रिटायर्ड पटवारी जगदीश श्रीवास्तव ने पुलिस अधीक्षक को एक आवेदन सौंपा है और अपनी व्यथा बताई है. नौबत तो यहां तक आ गई है कि पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए वह अपनी कार को पुलिस के हवाले करना चाहते हैं, ताकि यह सिद्ध हो सके कि उनकी कार की नंबर प्लेट लगाकर दूसरे लोग आपराधिक घटना को अंजाम दे रहे हैं. 

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इन थानों की पुलिस ने की पूछताछ
रिटायर्ड पटवारी जगदीश श्रीवास्तव ने बताया कि तीन बार पुलिस उनके घर आ चुकी है. सबसे पहले फिजिकल थाने का मामला सामने आया था. फिर ग्वालियर पुलिस दबिश देने आई. कुछ दिन पहले आगरा पुलिस ने सिटी कोतवाली पुलिस की मदद से घर आकर पूछताछ की और थाने तक ले गए.

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