NSUI जिला अध्यक्ष की गुंडागर्दी, थाने में चले लात घूसों से पूर्व महासचिव को पीटा, पुलिस बनी रही मूक दर्शक
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NSUI जिला अध्यक्ष की गुंडागर्दी, थाने में चले लात घूसों से पूर्व महासचिव को पीटा, पुलिस बनी रही मूक दर्शक

जबलपुर के सिविल लाइन थाना परिसर में NSUI के जिला अध्यक्ष विजय रजक की सरेआम गुंडागर्दी देखने को मिली,.

NSUI जिला अध्यक्ष विजय रजक की सरेआम गुंडागर्दी

कर्ण मिश्रा/जबलपुर: जबलपुर के सिविल लाइन थाना परिसर में NSUI के जिला अध्यक्ष विजय रजक की सरेआम गुंडागर्दी देखने को मिली,. जहां जिला अध्यक्ष ने अपने ही संगठन के पूर्व महासचिव अंशुल सिंह ठाकुर को लात-घूसों से थाने परिसर में ही जमकर पीटा और गालियां दी.

पुलिस बनी मूकदर्शक
काफी देर तक यह घटनाक्रम चलता रहा और थाने पर मौजूद पुलिस पहले तो मूक दर्शक बनी रही फिर थोड़ी से बीचबचाव की कोशिश की लेकिन सख्ती नही दिखाई. यही वजह रही कि आरोपी जिला अध्यक्ष पुलिस के सामने ही पूर्व महासचिव को पीटता रहा.

गांधीगिरी के साथ ज्ञापन देंने पहुंचा था अंशुल
आपको बता दे कि पुलिस द्वारा किए जा रहे चालान का विरोध गांधीगीरी से करने NSUI का पूर्व महासचिव अंशुल सिंह ठाकुर थाने पहुंचा था. तभी सूचना मिलने पर जिला अध्यक्ष विजय रजक सिविल लाइंस पुलिस स्टेशन पहुंचा और ज्ञापन देने के दौरान अंशुल को पकड़ा और मारपीट शुरू कर दी.

जमकर मारपीट की
NSUI छात्र संगठन के जिलाध्यक्ष विजय रजक के साथ कभी कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाला पूर्व महासचिव अंशुल सिंह ठाकुर को वर्तमान में संगठन से निष्कासित कर दिया गया है. यही वजह है कि संगठन के नाम से ज्ञापन देने की जानकारी मिलने पर जिला अध्यक्ष विजय रजक आगबबुला हो गया. जिसके बाद विजय रजक अपने साथी देवेंद्र काछी और सिविल लाइंस निवासी शुभांशु कन्नौजिया के साथ सिविल लाइंस थाने पहुंचा और अंशुल की जमकर मारपीट की.

प्राथमिक सदस्यता से किया जा चुका है निष्काषित
अंशुल को एनएसयूआइ ने 2018 में संगठन के जिला महासचिव पद पर नियुक्त किया गया था लेकिन लगातार आ रही शिकायतों के बाद उसे संगठन विरोधी गतिविधियों के चलते 31 अगस्त 2019 को संगठन के द्वारा अंशुल सिंह राजपूत को प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था. लेकिन उसके बाद भी लगातार अंशुल सिंह के द्वारा संगठन के महासचिव पद का इस्तेमाल कर कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ज्ञापन देकर प्रदर्शन में किया जा रहा था. इसके साथ ही अवैध वसूली से नाराज होकर संगठन के पदाधिकारी सिविल लाइन थाने पहुंचे. जहां अंशुल सिंह मौजूद था. वहां उसके साथ कार्यकर्ताओं ने जमकर मारपीट की. बाद में पुलिस ने बीच बचाव किया.
संगठन की ओर से इस मामले में शिकायत भी दी गई है तो वही पीड़ित अंशुल की शिकायत पर विजय रजक के साथ उसके दो साथियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

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