छेड़छाड़ का आरोप लगा बुजुर्ग को मरते दम तक पीटा गया, पंचायत ने भी लगाया 1 लाख रुपये का जुर्माना
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छेड़छाड़ का आरोप लगा बुजुर्ग को मरते दम तक पीटा गया, पंचायत ने भी लगाया 1 लाख रुपये का जुर्माना

बुंदेलखंड के पिछड़े जिलों में खांप पंचायत की तर्ज पर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक पंचायतों में तुगलगी फरमान सुनाये जाते हैं. कभी किसी को समाज से बहिस्कृत तो कभी मुंडन करा कर गंगा स्नान करने एवं कभी अर्थदण्ड से दण्डित करने का फरमान सुनाया जाता है. 

बुजुर्ग के परिजन, इनसेट में मृतक बुजुर्ग

सत्येंद्र सिंह परमार/निवाड़ी: बुंदेलखंड के निवाड़ी जिले में एक बार फिर पंचायत तुगलकी फरमान जारी किया है. छेड़खानी के आरोप में तीन लोगों ने पहले एक 70 वर्षीय बुजुर्ग के साथ मारपीट की. पंचों ने बुजुर्ग पर एक लाख रुपये जुर्माना लगा दिया. जुर्माने की राशि न देने पर पांच साल के लिए समाज से बाहर करने का फरमान सुना दिया. हालांकि पिटाई से बुजुर्ग की हालत खराब हुई और मौत हो गई. पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है.

यह मामला पृथ्वीपुर थाना क्षेत्र के लड़वारी गांव का है. गांव के राजेश नापित, धूराम नापित व महेन्द्र नापित ने 70 वर्षीय बुजुर्ग पर छेड़खानी का आरोप लगाया. इसके बाद पंचायत बुलाई. बुजुर्ग खेत पर काम कर रहा था. जहां जाकर न केवल उसे जमकर पीटा गया बल्कि घसीटते हुए बपंचायत तक लाये. जहां पंचों ने बुजुर्ग का पक्ष सुने बगैर ही उसपर एक लाख रुपये जुर्माना ठोक दिया. 

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राशि देने में बुजुर्ग ने असमर्थता जताई तो पंचों ने उस पर दबाव बनाते हुये कहा कि पैसा जमा नहीं किया तो पांच साल के लिए समाज से बाहर कर दिया जाएगा. गांव के पंचों की इतनी बड़ी सजा से बचने के लिए बुजुर्ग ने मजबूर होकर 4 दिन में राशि जमा करने के लिए हामी भर दी. पंचायत खत्म हुई. तब तक बुजुर्ग दर्द से कराहता रहा. परिजन उसे खटिया पर लादकर घर ले गए. जहां करीब दो घंटे बाद उसने दम तोड़ दिया. 

एसडीओपी संतोष पटेल ने कहा कि पूरे मामले में अब पुलिस का कहना है कि लड़वारी गांव में घटित घटना के संबंध में पुलिस द्वारा तीन लोगों के खिलाफ धारा 302 आईपीसी के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.

बुंदेलखंड के पिछड़े जिलों में खांप पंचायत की तर्ज पर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक पंचायतों में तुगलगी फरमान सुनाये जाते हैं. कभी किसी को समाज से बहिस्कृत तो कभी मुंडन करा कर गंगा स्नान करने एवं कभी अर्थदण्ड से दण्डित करने का फरमान सुनाया जाता है. 

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