रतलाम जिले के लोगों को भी लगने लगा था कि वैक्सीन से सब कुछ ठीक हो जाएगा. तभी प्रदेश में कोरोना केस बढ़ने लगे. राज्य सरकार द्वारा लगातार अलर्ट किया जा रहा है. लेकिन फिर भी कई लोग बिना मास्क और डिस्टेंसिग के घूम रहे हैं.
देश भर की ही तरह प्रदेश और रतलाम शहर में भी वैक्सीनेशन अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना के बढ़ते मरीजों ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी. रतलाम शहर में तो कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा भी बढ़ने लगा है.
कुछ दिनों पहले तक जहां किसी दिन एक तो किसी दिन एक भी मरीज नहीं आ रहा था. वहीं पिछले पांच दिनों में ही शहर में 15 से 18 मरीज आ गए, वहीं 2 लोगों की मौत भी हो गई.
जिला प्रशासन ने कोरोना के बढ़ते आकड़ों को देखते हुए वैक्सीनेशन को भी बढ़ाने का लक्ष्य रखा. उन्होंने प्रतिदिन 8 हजार लोगों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा. शहर में स्थित मेडिकल कॉलेज और बाल चिकित्सालय को भी प्रतिदिन एक-एक हजार कोरोना वैक्सीन लगाने का लक्ष्य दिया गया.
शहर वासी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के अलावा सीधे अस्पताल जाकर भी कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्टर कर सकते हैं. जिले में कोरोना वैक्सीनेशन सेंटर की संख्या को भी बढ़ाकर 28 कर दिया गया है.
पिछले कुछ दिनों से चुनाव की रैलियों में भीड़ और राजनीतिक व धार्मिक रैलियों में शामिल हो रहे लोगों ने कोरोना के लिए बनी गाइडलाइन का पालन नहीं किया. लोग बिना मास्क लगाए और बिना किसी डिस्टेंसिंग के सड़कों पर घूम रहे थे, इसी से मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ.
प्रशासन ने चिंता जाहिर करते हुए वैक्सीनेशन का लक्ष्य तो बढ़ा दिया, लेकिन लोग अब भी जागरूक नहीं हुए हैं. शहर भर में लोग बिना मास्क लगाए ही घूम रहे हैं. कई लोग तो रैलियों में डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं कर रहे हैं.
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