Chintaman Ganesh Ujjain: धार्मिक नगरी उज्जैन में हर त्यौहार बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. चिंतामण गणेश मंदिर में बुधवार 27 मार्च से चैत्र महोत्सव शुरू हो गया है. यह वही स्थान है जहां भगवान गणेश तीन रूपों चिंतामण, इच्छामण और सिद्धविनायक में एक साथ मौजूद हैं. चैत्र महोत्सव 27 मार्च से 17 अप्रैल तक आयोजित किया जाएगा.
पुजारी ने बताया कि सुबह 4:00 बजे भगवान गजानंद गणपति का गर्भगृह खोला जाता है. भगवान भक्तों को दर्शन देते हैं और फिर फलों के रस से भगवान का अभिषेक और पंचाभिषेक भी किया जाता है। हर दिन भगवान गजानन गणपति का विशेष प्रकार का श्रृंगार किया जाता है.
इस महीने में गुड़ी पड़वा से नया साल शुरू होता है. गजानंद गणपति के प्रथम उपासक हैं और यही कारण है कि चैत्र माह में इस प्राचीन स्थान पर बड़ी संख्या में भक्त पहुंचते हैं.
ऐसा माना जाता है कि भक्त भगवान से जो भी मनोकामना करते हैं वह पूरी होती है, क्योंकि चैत्र माह में चैत्र महोत्सव का विशेष महत्व माना जाता है.
मंदिर के पुजारी ने बताया कि भगवान चिंतामण गणेश मंदिर जात्र का मतलब है कि किसान अपनी नई फसल लाते हैं. और अपने काम की शुरुआत करते हैं.
मान्यता है कि भगवान श्री राम के वनवास के दौरान राम, लक्ष्मण और माता सीता के आह्वान पर प्रथम पूज्य भगवान गणेश स्वयं पहुंचे थे. पुजारी उमाशंकर के मुताबिक इस बार 4 जत्रा लगेंगी. आज बुधवार को पहला दिन है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं.
इस बार चैत्र माह में चार बुधवार होने से उज्जैन के चिंतामण गणेश मंदिर में चार जत्राएं होंगी. पहली जत्रा 27 मार्च, दूसरी 3 अप्रैल, तीसरी 10 अप्रैल को और चौथी 17 अप्रैल को होगी.
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