रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया है कि मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफायर (Mobile Added Note Identifier) नाम का एक ऐप है जो जिसे मोबाइल फोन में डाउनलोड कर नोट कितने का है यह पता किया जा सकता है.
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नई दिल्ली: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल जितने नकली नोट पकड़े गए उनमें सबसे ज्यादा नोट 2000 रुपये के ही थे. यही वजह है कि लोग हमेशा बैंक में यह पूछते है कि क्या कोई ऐसा ऐप है, जिससे नकली नोट और असली नोट की पहचान हो सके? इसी को लेकर आरबीआई ने अब जानकारी दी है.
MANI - RBI's App for currency identification
https://t.co/8VCA394b23 pic.twitter.com/VmHvp0vaN9— ReserveBankOfIndia (@RBI) January 1, 2020
मणि ऐप से पहचाने असली या नकली
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बताया है कि मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफायर (Mobile Added Note Identifier) नाम का एक ऐप है जो जिसे मोबाइल फोन में डाउनलोड कर नोट कितने का है यह पता किया जा सकता है. आरबीआई ने यह ऐप दृष्टिबाधित लोगों के लिए तैयार किया है. यह पूरी तरह निःशुल्क एप्लीकेशन है. एक बार इंस्टॉल करने के बाद इंटरनेट की आवश्यकता नहीं होती.
जानिए आरबीआई की MANI ऐप के बारें में
इस ऐप से पहले भी भारतीय नोट में कई ऐसे फीचर्स मौजूद होते हैं जिससे दृष्टिबाधितों को उनकी पहचान करने में मदद मिलती है. इनमें उसकी प्रिंटिंग, नोट का साइज, पैटर्न आदि शामिल हैं. मनी ऐप ने दृष्टिबाधितों के लिए नोटों की पहचान और आसान बना दी है. ऑडियो नोटिफिकेशन के जरिए नोट कितने का है, इसकी जानकारी दी जाती है. यह ऑडियो हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होता है. जिन लोगों को सुनने की कमजोरी है, उनके लिए वाइब्रेशन का मोड मौजूद है.
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यह ऐप अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में है जिसे वॉयस कंट्रोल के साथ भी इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि आरबीआई का यह ऐप असली और नकली नोट की पहचान नहीं करता. आरबीआई की सोच इस ऐप की मदद से नेत्रहीनों तक भारतीय नोटों की पहुंच को बढ़ाना है. इससे उन्हें रोजाना करने वाले ट्रांजैक्शन में सुविधा मिलेगी. तो इस भ्रम में बिल्कुल न रहें कि इस ऐप से असली और नकली नोटों की पहचान कर सकेंगे.
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