Damoh Chunav Result: दमोह विधानसभा सीट पर बीजेपी के कद्दावर नेता जयंत मलैया ने जोरदार वापसी की है. जीत के बाद उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया बेहद इमोशनल नजर आए.
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MP Damoh News: राजनीति में सबका समय एक सा नहीं होता. कभी सत्ता पास, कभी दूर, कभी एकतरफा राज और जब जख्म बहुत हो जाएं तो अच्छे दिनों में भी पुरानी टीस उभर आती हैं. ऐसा ही कुछ सामने आया है सूबे के दमोह से जहां भाजपा के कद्दावर नेता जयंत मलैया के बेटे का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें उनके पिता की जीत के बाद मंच से कहते दिख रहे हैं कि ये जीत जयंत मलैया के जीवन की सबसे बड़ी जीत है. बता दें कि इस चुनाव में रिकार्ड 51 हजार मतों से 8वीं बार चुनाव जीत कर जयंत मलैया विधायक बने हैं.
इमोशनल हो गए सिद्धार्थ मलैया
जीत के बाद जब जयंत मलैया ने आभार सभा की तो उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया इमोशनल नजर आए. जयंत मलैया की आभार सभा में उनके बेटे सिद्धार्थ ने अपनी शैली में कई राज खोले. 2018 में चुनाव हारने के बाद सूबे में हुए पूरे घटनाक्रम को बताया. सूबे में जब कमलनाथ की सरकार बदल गई और पाला बदलने वाले विधायकों के इस्तीफे के बाद भाजपा सरकार बनी ही नहीं बल्कि 22 विधायकों के चुनाव भी हुए. इस सब के बाद जब भाजपा सरकार को विधायकों की जरूरत भी नही थी तब मलैया को हराने वाले कांग्रेस के राहुल सिंह ने इस्तीफा दे दिया भाजपा में शामिल हो गए. 2020 में उपचुनाव हुआ मलैया को उम्मीद थी पार्टी उन पर ही दांव लगाएगी लेकिन भाजपा ने उन्हें किनारे लगाते हुए कांग्रेस से राहुल को मैदान में उतारा. राहुल चुनाव हार गए और हार का ठीकरा मलैया और उनके बेटे सहित परिवार और समर्थकों पर फोड़ा गया.
पार्टी के दिग्गज नेता जयंत मलैया को पार्टी ने नोटिस दिया, उनके बेटे सिद्धार्थ सहित उनके समर्थकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. मलैया के राजनीतिक जीवन का ये बड़ा मोड़ था जनसंघ के जमाने से जुड़े इस परिवार को हासिये पर ही नही रखा गया बल्कि अंदरूनी प्रताड़ना भी दी गई. सिद्दार्थ ने साफ बताया है कि 2020 के उपचुनाव में उनके साथ पार्टी और मौजूदा नेताओं ने सही सलूक नहीं किया.
भाजपा पर लगाया आरोप
जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ ने सूबे में रही कमलनाथ सरकार के बारे में भी बड़ा खुलासा किया और बताया कि जब कमलनाथ मुख्यमंत्री थे, तब उनके पिता जयंत मलैया ने दमोह की किसी भी योजना को लेकर कांग्रेस नेताओं, मंत्रियों को फोन लगाया कांग्रेस सरकार ने उस पर एक्शन लिया, काम किये, लेकिन जब कमलनाथ सरकार को गिरा कर शिवराज की सरकार बनी तो ढाई साल दमोह में जयंत मलैया की एक भी अफसर ने नहीं सुनी जबकि 52 सालों से मलैया परिवार पार्टी की सेवा कर रहा है.