भारत के इस हिस्से में होती है मामा-भांजी की शादी, तो यहां बिना मां बने नहीं बन सकते दुल्हन, जानें अजब-गजब रिवाज
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भारत के इस हिस्से में होती है मामा-भांजी की शादी, तो यहां बिना मां बने नहीं बन सकते दुल्हन, जानें अजब-गजब रिवाज

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में महाभारत की द्रोपदी मिलती है. यहां एक ही लड़की एक घर के सगे भाईयों के साथ शादी करती है. इस प्रथा को यहां घोटुल प्रथा कहा जाता है. इसे पांडवों और द्रौपदी को उदाहरण माना जाता है.

सांकेतिक तस्वीर.

नई दिल्ली: भारत देश परंपराओं और अलग-अलग संस्कृति के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है. जितने राज्य उतने तरीके के भोजन और उतने तरीके के रिवाज. यहां तक की छोटे-छोटे समुदाय के भी अपने अलग रीति रिवाज होते हैं. आज हम शादी को लेकर ऐसे ही कई जगहों के रिवाज के बारे में बताएंगे. जो आपके लिए नए तो होंगे ही, साथ ही अजीब भी होंगे. 

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यहां मां बनने के बाद ही होती है शादी
राजस्थान के उदयपुर, सिरोही और पाली जिलों और गुजरात में रहने वाले गरासिया जनजाति में शादी को एक अनोखी प्रथा माना जाता है. यहां शादी के पहले बच्चे पैदा करना शुभ माना जाता है. यहां शादी से पहले बच्चा पैदा ना करना अपशगुन माना जाता है. ये अजीब तो जरूर है, लेकिन ये परंपरा पिछले 1000 वर्षों से चली आ रही है. यहां शादी से पहले लड़के लड़क‍ियां एक साथ रहते हैं, अगर बच्चा हो जाता है तो शादी करा दी जाती है और अगर बच्चा नहीं होता तो रिश्ते को मान्यता नहीं दी जाती है. 

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सब भाईयों की होती है एक दुल्हन
हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में महाभारत की द्रोपदी मिलती है. यहां एक ही लड़की एक घर के सगे भाईयों के साथ शादी करती है. इस प्रथा को यहां घोटुल प्रथा कहा जाता है. इसे पांडवों और द्रौपदी को उदाहरण माना जाता है.मान्‍यता है क‍ि महाभारत काल के दौरान पांडवों ने द्रौपदी और मां कुंती के साथ अज्ञातवास के कुछ पल किन्नौर जिले की गुफाओं में बि‍ताए थे.जिसके बाद से महाभारत की पांडवों और द्रौपदी वाली प्रथा यहां भी चलती है. 

यहां मह‍िलाएं करती हैं एक से अधिक शादी
मेघालय में खासी जनजाति एक अनोखी प्रथा को निभाती है. यहां की महिलाएं अपनी मर्जी से शादियां करती है. वह जितनी चाहे उतनी शादी कर सकती हैं. इस जनजाति में महिलाओं का प्रमुखता दी जाती है. महिलाएं चाहें तो पति के साथ रह  सकती हैं, वरना किसी और से शादी कर सकती है. हालांकि इस प्रथा को बदलने की मांग भी की जा रही है. 

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यहां भाई भरता है बहन की मांग
छत्तीसगढ़ में धुरवा आदिवासी समाज में भाई-बहन आपस में शादी कर लेते हैं. हालांकि सगे भाई-बहनों में शादियां नहीं होती है. बुआ-मामा के बच्चे आपस में शादी करते हैं. इस प्रथा का पालन सख्ती से किया जाता है, शादी के लिए इनकार करने पर भारी जुर्माना भरना पड़ता है. हालांकि कई पढ़ें-लिखे लोग इस प्रथा का विरोध करते हैं.

मामा करता है अपनी भांजी से शादी 
दक्षिण भारतीय समाज में शादी को लेकर ये बेहद अजीब प्रथा है. यहां सगे मामा-भांजी की शादी कराना अच्छा माना जाता है. लोग इस शादी को प्रमुखता देते हैं. यहां पर जबरन भी मामा-भांजी की शादी करा दी जाती है. माना जाता है कि मामा-भांजी की शादी के पीछे प्रॉप्रटी वजह होती है. बहन अपने मायके में अपना हक ना मांग ले, इसलिए मामा अपनी भांजी से शादी कर उसे अपने घर ले आता है. 

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