तीसरी लहर की तैयारीः MP के इस शहर में बच्चों का शुरू होगा सीरो सर्वे, सैंपल लेना बड़ी चुनौती
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तीसरी लहर की तैयारीः MP के इस शहर में बच्चों का शुरू होगा सीरो सर्वे, सैंपल लेना बड़ी चुनौती

मध्य प्रदेश में कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी है. अब बच्चों का भी सीरो सर्वे शुरू किया जा रहा है. 

सीरो सर्वे

इंदौरः मध्य प्रदेश में कोरोना के मामले एक बार फिर से रफ्तार पकड़ते नजर आ रहे हैं. प्रदेश के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों में कोविड के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. ऐसे में तीसरी लहर का खतरा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे में अब तीसरी लहर से निपटने की तैयारियां भी शुरू की जा रही है. प्रदेश में बच्चों का सीरो सर्वे कराए जाने की तैयारी है. 

इंदौर में होगा बच्चों का सीरो सर्वे 
देश में इंदौर पहला शहर बनने जा रहा है, जहां पर बच्चों का सीरो सर्वे कराया जा रहा है. बच्चों में एंटीबाडी की जांच के लिए 25 वार्डों का चयन कर 45 टीमों को तैयार किया गया है और सोमवार से इसकी शुरुआत की जाएगी. इंदौर के संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा की अगुवाई में स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, एनजीओ की टीमों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है. ताकि बच्चों के सेंपल लेकर सीरो सर्वे किया जा सके. 

बच्चों का सैंपल लेना बड़ी चुनौती 
हालांकि प्रशासन के लिए बच्चों का सैंपल लेना एक बड़ी चुनौती भी रहेगा. अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल सात हजार महिला-पुरुष का सीरो सर्वे कराया था, कोरोना के कारण लोग सर्वे में शामिल होने से संकोच कर रहे थे. जबकि मामला बच्चो से जुड़ा है, इसलिए सैंपल लेने में परेशानी टीमों को हो सकती है. इसलिए चाचा नेहरू से ट्रेड नर्सों के साथ ही एनजीओ का सहयोग लिया जा रहा है. ये टीमें घर-घर जाकर सैंपल कलेक्ट करेगी. 

15 दिन से ज्यादा दिन का लग सकता है समय 
हालांकि सर्वे करने में 15 दिन से अधिक का समय लग सकता है. सर्वे में खास बात यह रहेगी कि बच्चों को सैंपल कलेक्ट करने के बाद गिफ्ट के रूप में चॉकलेट, बुक भी प्रदान की जाएगी. बता दें कि 18 साल से कम उम्र के आठ से 10 लाख बच्चे जिले में हैं, जिनमें पहले फेज में 25 वार्डों के 1800 से अधिक बच्चों के लिए सैंपल लिए जाएंगे. 

18 साल से कम उम्र के बच्चों को भी किया जाएगा शामिल 
दरअसल, इस बार इंदौर शहर में होने वाले सीरो सर्वे में 18 साल से कम उम्र के बच्चों को भी शामिल किया जाएगा. सीरो सर्वे के लिए इंदौर नगर निगम सीमा में 25 वार्डों को चयनित किया गया है, इन सभी वार्डों में रेंडम सर्वे किया जाएगा. सर्वे की तैयारियों को लेकर इंदौर संभागायुक्त पवन कुमार शर्मा ने शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के अधिकारियों के साथ बैठक की. बैठक में निर्देश दिए गए है इस बार सैंपल अलग-अलग एज ग्रुप के बच्चों का लिया जाएगा. ताकि पता लगाया जा सके कि बच्चों में एंटीबॉडी डेवलप हुई है या नहीं. 

सर्वे के लिए बनाया गया मोबाइल एप
इंदौर में होने वाले इस सर्वे के लिए नगर निगम एक मोबाइल एप भी बना रहा है. इसी के जरिए डाटा कलेक्शन से लेकर सर्वे का काम किया जाएगा. खास बात यह है कि 40 टीमें बनाकर शहर में सीरो सर्वे का काम किया जाएगा. ताकि संभावित तीसरी लहर को लेकर ठोस कदम उठाए जा सके. 

क्या होता है सीरो सर्वे 
दरअसल, सीरो सर्वे को सीरोलॉजिकल सर्वे भी कहा जाता है. सीरो सर्वे में व्यक्ति का ब्लड लेकर उससे सेल्स और सीरम को अलग किया जाता है, सीरम में कोरोना वायरस के खिलाफ जितनी एंटीबॉडी बनी हैं, उनकी जांच की जाती है. जिस क्षेत्र में यह सर्वे कराया जाता है वहां यह पता लगाने की कोशिश की जाती है कि उस क्षेत्र में कोविड का संक्रमण कितना फैला है. क्योंकि कोरोना के मामलों में ऐसा देखने को मिला है कि कई लोगों कोविड हो जाता है लेकिन उनमें कोविड के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं. यानि अगर शख्स कोरोना से संक्रमित तो हुआ, लेकिन वह बीमार नहीं पड़ा. यानि जितने लोगों में कोविड से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनी होगी उस क्षेत्र में संक्रमण का खतरा उतना ही कम होगा. इस सर्वे से कोरोनी की चेन तोड़ने में मदद मिलती है, इसीलिए कोरोना से बचाव में सीरो सर्वे की अहम भूमिका मानी जाती है. 

बता दें कि इससे पहले भी इंदौर में सीरो सर्वे कराया जा चुका है. तब शहर के 85 वार्डों में हुए सर्वे में 7.75 प्रतिशत लोगों में कोविड की इम्युनिटी मिली थी. ऐसे में इस बार भी इंदौर में सीरो सर्वे का काम शुरू किया जा रहा है. 

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