कितनी खतरनाक होगी कोरोना की तीसरी लहर! कैसे करें अपना बचाव!
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कितनी खतरनाक होगी कोरोना की तीसरी लहर! कैसे करें अपना बचाव!

देश मे चल रही कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में हाहाकार मचा रखा है. कोरोना की ये लहर पहली लहर से करीब पांच गुणा ज़्यादा तेज़ रफ्तार के साथ लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. ऐसे में देश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा चुकी हैं.

सांकेतिक फोटो

नई दिल्ली: देश मे चल रही कोरोना की दूसरी लहर ने देशभर में हाहाकार मचा रखा है. कोरोना की ये लहर पहली लहर से करीब पांच गुणा ज़्यादा तेज़ रफ्तार के साथ लोगों को अपनी चपेट में ले रही है. ऐसे में देश की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा चुकी हैं. हालत ये हो गए हैं कि कोरोना के रोजाना बढ़ते मरीजों के चलते अस्पतालों में ऑक्सीजन से लेकर दवाईंयों तक की भारी कमी हो गई है. अस्पतालों में नए मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है. इस बीच कोरोना की एक और लहर की चेतावनी ने लोगों को चौंका कर रख दिया है.

तीसरी लहर आना भी तय
केन्द्र सरकार के शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार ने यह चेतावनी दी है कोरोना की एक और लहर का आना तय है. केंद्र के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि वायरस के उच्च स्तर के प्रसार को देखते हुए तीसरी लहर आना अनिवार्य है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह तीसरी लहर कब आएगी और किस स्तर की होगी. जाहिर है कोरोना की दूसरी लहर ने जिस तरह से लोगों को झकझोर कर रख दिया है ऐसे में तीसरी लहर कितनी खतरनाक होगी इसका सिर्फ अंदाजा ही लगाया जा सकता है.

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जानलेवा तीसरी लहर
कोरोना की तीसरी लहर के बारे में डॉक्टर्स कहते हैं कि उस वक्त तक कोरोना का रूप और विकराल हो सकता हैं. ऐसे में उसका क्या असर होगा इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है. दूसरे चरण के दौरान कितनी समस्या आईं ये बात किसी से छिपी नहीं है. दूसरे चरण में बेड ट्रांसपोर्टेशन ऑक्सीजन सहित कई समस्याएं आ चुकी हैं.
समझने वाली बात ये है कि जब कोरोना की पहली लहर आई थी तो वायरस 10 दिनों में Lungs को खत्म कर देता था. दूसरी लहर में ये समय अवधि घट कर 5 से 7 दिन हो गई और ऐसा कहा जा रहा है कि तीसरी लहर में तो ये 2 से 3 दिन भी हो सकती है. यानी तीसरी लहर में वायरस दो से तीन में ही मरीज को गम्भीर हालत में पहुंचा देगा और डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करने तक का भी समय नहीं देगा.

सबसे ज्यादा चर्चा में AP वेरिएंट 
इस समय भारत में वारयस के कई वेरिएंट एक्टिव हैं और ये वेरिएंट अलग अलग राज्यों और क्षेत्रों में संक्रमण फैला रहे हैं. इनमें सबसे ज्यादा खतरनाक है Double Mutant वायरस, जिसे वैज्ञानिकों ने B.1.617 नाम दिया है. ये वेरिएंट भारत में ही बना है. अब तक देश में कोरोना का UK वेरिएंट, ब्राजील वेरिएंट, दक्षिण अफ्रीका वेरिएंट और अमेरिका का भी एक वेरिएंट मिल चुका है. इसके कई और वेरिएंट की पहचान अलग-अलग राज्यों में हुई है. इनमें जो वेरिएंट सबसे ज्यादा चर्चा में है, उसे लोग आन्ध्र प्रदेश वेरिएंट कह रहे हैं.
वायरस के जिस अवतार को आन्ध्र प्रदेश वेरिएंट कहा जा रहा है, वो ऐसा ही करता है. ये वेरिएंट 2 से 3 दिन में ही मरीज को ICU Bed पर पहुंचा देता है और फिर उसकी जान लेता है. यही नहीं ये बाकी वेरिएंट से 15 गुना ज्यादा संक्रामक है. इसीलिए हम आपसे कह रहे हैं कि अब आपको ज्यादा सावधानी बरतनी होगी.

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बरतनी होगी अधिक सावधानी
वायरस के जिस अवतार को आन्ध्र प्रदेश वेरिएंट कहा जा रहा है, वो ऐसा ही करता है. ये वेरिएंट 2 से 3 दिन में ही मरीज को ICU Bed पर पहुंचा देता है और फिर उसकी जान लेता है. यही नहीं ये बाकी वेरिएंट से 15 गुना ज्यादा संक्रामक है. इसीलिए हम आपसे कह रहे हैं कि अब आपको ज्यादा सावधानी बरतनी होगी और मास्क तो आपको बिलकुल नहीं हटाना है. कुछ अध्ययन में इस बात की आशंका जताई गई है कि पहली लहर में वायरस ने बुज़ुर्गों पर अटैक किया, दूसरा लहर में ये युवाओं को ज्यादा प्रभावित कर रहा है और तीसरी लहर में ये बच्चों के लिए खतरनाक बन सकता है. इसलिए अब हर परिवार को कुछ बातें ध्यान रखनीं चाहिए.

बच्चों को खतरा
इस समय भारत की कुल आबादी में 18 साल से कम उम्र के बच्चों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है. बच्चों के लिए अबतक कोई वैक्सीन नहीं आई है. अध्ययन के अनुसार अगर 18 साल से ऊपर के लोगों का वैक्सीनेशन हो गया तो छोटे बच्चों को वायरस ज्यादा अटैक करेगा और 6 से 12 साल के बच्चों को ये गम्भीर नुकसान भी पहुंचा सकता है. यानी इस उम्र के बच्चों की ये जान भी ले सकता है. 
यहां आपको दो बातें ध्यान रखनी है:
पहली ये कि बच्चों को भी कोरोना हो सकता है
दूसरी बात ये कि सम्भव है अगर तीसरी लहर आई तो देश में स्कूल लम्बे समय तक के लिए बंद रहें.

कब तक आएगी बच्चों के लिए वैक्सीन
डॉक्टरों ने इस समस्या का समाधान भी बताया है और वो ये कि अगर बच्चों के लिए वैक्सीन आ जाती है तो भारत तीसरी लहर का सामना भी कर लेगा लेकिन उसके लिए वैक्सीन चाहिए होगी, जो अभी तक विकसित नहीं हुई है. Serum Institute of India ने कहा है कि वो इस साल के अक्टूबर महीने तक वैक्सीन विकसित कर लेगा. जबकि Co-Vaxin बनाने वाली कम्पनी Bharat Biotech भी इस पर काम कर रही है और उसकी वैक्सीन ट्रायल स्टेज में है. अगर हम अमेरिकी कम्पनी फाइजर की बात करें तो उसने बच्चों के लिए वैक्सीन बना ली है और कनाडा में तो 12 साल से ऊपर के बच्चों पर इसके इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल गई है. उम्मीद है जल्द ही भारत में भी बच्चों के लिए वैक्सीन बन जाए.

कैसे होगा बचाव 
डॉक्टर मानते हैं कि कोरोना के वक्त आपको एक ही चीज बचा सकती है, वो है आमलोगों में कोरोना के प्रति जागरूकता. 
लोगों को मास्क पहनना चाहिए और लगातार सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए. 
कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए. 
सरकार को इसे गंभीरता से लेकर महामारी के खिलाफ तैयार रहना होगा.

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