बैंड बाजा न बाराती, भारतीय संविधान, महापुरुषों की शपथ लेकर एक दूजे का हुआ जोड़ा
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh830449

बैंड बाजा न बाराती, भारतीय संविधान, महापुरुषों की शपथ लेकर एक दूजे का हुआ जोड़ा

क्या आपने ऐसी शादी देखी या सुनी है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन संविधान की शपथ लेते हों. ऐसी एक शादी हुई है मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में.

इकराम अरसे और नाइजा ने संविधान की शपथ लेकर  शादी की.

खरगोन: आपने हिन्दू रीति-रिवाज से होने वाली शादी में सात कसमों का रस्म तो सुना होगा. इन सात फेरों के बिना शादी को अधूरा माना जाता है. दूल्हा और दुल्हन अग्नि के सात फेरे लेते हैं. पहले के तीन फेरों में दुल्हन आगे रहती है, जबकि अंतिम के चार फेरों में दूल्हा आगे चलता है. हर फेरे के साथ एक वचन जुड़ा होता है. वर वधु अग्नि को साक्षी मानकर एक दूसरे से जीवन भर ये सातों वचन निभाने का वादा करते हैं. लेकिन क्या आपने ऐसी शादी देखी या सुनी है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन संविधान की शपथ लेते हों.

मां ने 8 महीने के मासूम को बीच सड़क कुल्हाड़ी से काटा, बोली- जिसका 'बकरा' था उसे दे दिया

ऐसी एक शादी हुई है मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में. जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित ढाबला गांव में आदिवासी जोड़े ने  अपनी  शादी संविधान की शपथ लेकर सम्पन्न कराई. वर-वधु ने सात फेरे लेने की बजाय संविधान की शपथ लेकर अपने गृहस्थ जीवन की शुरुआत की. इस प्रकार की यह जिले में चौथी शादी है, जिसमें जिस संविधान से देश चलता है उसकी शपथ लेते हुए दूल्हा-दुल्हन ने शादी की.

नहीं आए पैसे? PM-KISAN सम्मान निधि योजना में गलत आधार नंबर हो गया लिंक, ऐसे करें सुधार

जिस संविधान से देश चलता है उसकी शपथ लेकर हुई शादी
इकराम अरसे और नाइजा ने संविधान की शपथ लेकर  शादी की जिसके साक्षी उनके परिजन और रिश्तेदार बने. नवयुगल की इच्छा के मुताबिक शादी में ना तो बैंडबाजा बजा और ना ही पंडित द्वारा मंत्रोच्चार हुआ. परिजनों व करीबी रिश्तेदारों की उपस्थिति में नवयुगल ने स्टेज पर पहुंचकर  देश के महापुरुषों  टंट्या मामा, बिरसा मुंडा, डॉ. भीम राव आम्बेडकर सहित भारतीय संविधान की शपथ लेकर एक दूसरे को जीवन साथी बनाया. 

अगर कभी ATM मशीन में फंस जाए आपका Card तो क्या करेंगे? पढ़ लें वापस पाने का तरीका

''कम खर्च में ऐसी शादियां बनेंगी मिसाल''
इस शादी समारोह का आयोजन करने वाले बाबा साहेब आम्बेडकर निःशुल्क शिक्षण  संस्था के व्यस्थापक एंव  समाजसेवी रामेश्वर बड़ोले का कहना है कि नई पीढ़ी की जागरूकता संविधान के प्रति बढ़ रही है. जब देश संविधान के भरोसे चल रहा है तो वैवाहिक जीवन भी उसी के भरोसे चले यह संदेश नवदंपति ने दिया है.इसी तरह शादी कम खर्च में हो सकेगी और समाज के लिए प्रेरणा बनेगी.

WATCH LIVE TV

Trending news