केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइनर्स को नि:शुल्क टीकाकरण लगाया जाए. बीते सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा थी कि किसी भी जनप्रतिनिधि को पहले चरण में टीका नहीं लगवाना चाहिए.
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नई दिल्ली: वेस्ट बंगाल में वैक्सीनेशन के पहले दिन ही कोविड वैक्सीन को लेकर विवाद हो गया. दरअसल, राज्य के पूर्व बर्धमान जिले में तृणमूल कांग्रेस (TMC) के कई नेताओं को वैक्सीन लगाई गई. इनमें दो विधायक भी मौजूद थे. इतना ही नहीं, कई हेल्थ वर्कर्स का यह आरोप है कि उन्हें टीका नहीं लगाया, जबकि टीकाकरण उनका होना था नेताओं का नहीं. वहीं, डिस्ट्रिक्ट हेल्थ ऑफिसर्स का कहना था कि सभी नेता अलग-अलग अस्पतालों में रोगी स्वास्थ्य समितियों के मेंबर्स हैं. इस वजह से पहले चरण में वह वैक्सीनेशन के लिए योग्य थे.वहीं, इस घटना को पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने 'लूट' करा दिया है.
सबसे पहले लगा स्थानीय विधायक को टीका
बता दें, 16 जनवरी को भातर राज्य सामान्य अस्पताल (Bhatar State General Hospital) में वैक्सीनेशन ड्राइव की शुरुआत हुई. इनमें सबसे पहले स्थानीय तृणमूल कांग्रेस विधायक सुभाष मंडल को सबसे पहले वैक्सीनेट किया गया. इसके बाद पार्टी के ही पूर्व विधायक बनमाली हजरा, जिला परिषद से जुड़े जाहर बागडी और भातर पंचायत समिति के जनस्वास्थ्य प्रभारी महेंद्र हजरा को वैक्सीन लगाई गई. इसके अलावा, कटवा सब-डिविजनल अस्पताल में पहले दिन 34 लोगों को टीका लगाया गया था, जिनमें स्थानीय विधायक रबिंद्रनाथ चटर्जी भी मौजूद रहे.
पीएम मोदी ने नेताओं के वैक्सीनेशन से किया था मना
केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वैक्सीनेशन के पहले चरण में हेल्थ वर्कर्स और फ्रंट लाइनर्स को नि:शुल्क टीकाकरण लगाया जाए. बीते सोमवार को सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने कहा थी कि किसी भी जनप्रतिनिधि को पहले चरण में टीका नहीं लगवाना चाहिए. उन्होंने नेताओं की तरफ इशारा करते हुए ही यह बात कही थी.
हेल्थ वर्कर्स का आरोप-टीका नहीं लगाया गया
TMC के नेताओं ने पहले दिन वैक्सीन लगवा ली. वहीं, हेल्थ वर्कर्स का आरोप है कि उन्हें वैक्सीन लगवाने तो बुलाया गया, लेकिन लगाई नहीं गई. बर्धमान मेडिकल कॉलेज की एक नर्स का कहना था कि उन्हें सुबह 9.00 बजे ही सेंटर पर बुला लिया गया था. वे समय से भी पहुंचे, लेकिन वैक्सीन नहीं लगाई गई. दूसरी तरफ, जिले के चीफ मेडिकल ऑफिसर प्रणब राय का यह कहना रहा कि वैक्सीन लगवाने वाले पब्लिक रिप्रेजेंटेटिव अलग अस्पतालों में पेशंट-वेलफेयर सोसाइटी से जुड़े हुए हैं.
कैलाश विजयवर्गीय ने घटना को लूट करार दिया
मामले को देखते हुए पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इस घटना को सीधे 'लूट' का नाम दिया है. उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया, ''कोरोना टीके की लूट हई है. पीएम ने कोरोना योद्धाओं, स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंट लाइनर्स के कार्यकर्ताओं के लिए नि:शुल्क टीका भेजा. लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी के विधायकों, गुंडों ने जबरदस्ती टीके लगवा लिए."
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पीएम ने कम टीके भेजे- ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह दावा किया है कि पीएम मोदी ने वैक्सीन कम संख्या में भेजी है. उन्होंने भी अपने ट्विटर अकाउंट से पोस्ट कर लिखा कि यह 'शर्मनाक' है. वहीं, TMC के सांसद सौगत राय ने कहा कि पार्टी के नेताओं ने टीके न लगवाए होते तो बेहतर होता. अलीपुरदुआर में तृणमूल कांग्रेस के विधायक सौरभ चक्रवर्ती का नाम कोविड-19 भी वैक्सीनेशन की लिस्ट में टॉप पर था. हालांकि, उनका कहना थी कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं थी. चक्रवर्ती ने दावा किया है कि उन्होंने अभी तक टीका नहीं लगवाया है और न लगवा रहे हैं. इस बारे में उन्होंने हेल्थ डिपार्टमेंट को सूचना दे दी है.
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