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उज्जैन: ट्रैफिक पुलिस अब आपको इस तरह के एक कैमरे के साथ दिखाई दे तो चौंकिएगा मत क्योंकि,ये कैमरे अब उज्जैन ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी का हिस्सा हैं। उज्जैन शहर में जब तक कोई ट्रैफ़िक पुलिस वाला सड़क पर अपनी ड्यूटी करेगा तब तक ये बॉडी वॉर्न कैमरा उसके साथ रहेगा।
इस कैमरे में ट्रैफिक पुलिसवाले की ड्यूटी के दौरान की गई हर मूवमेंट, हर हरकत कैद होगी।
पुलिस का दावा है कि उज्जैन, देश का ऐसा पहला शहर बन गया है, जहां हर ट्रैफिक पुलिस वाला इस बॉडी वॉर्न कैमरे से लैस है। बीते शनिवार को ही उज्जैन ट्रैफिक पुलिसवालों को 150 कैमरे बांटे गए हैं।
दरअसल, सड़क पर पब्लिक और ट्रैफिक पुलिस के बीच होनेवाली नोक झोंक, बदसलूकी, और मारपीट की घटनाओं पर रोक लगाना इन कैमरों का मकसद है।
अक्सर ये देखा गया है कि नियमों का उल्लघंन करने पर जब ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करती है तो लोग पुलिसवालों के साथ अभद्रता करते हैं। यहां तक कि कई बार नौबत मारपीट तक पहुंच जाती है, तो वहीं कई बार पब्लिक के साथ ट्रैफिक पुलिस की बदसलूकी की भी घटनाएं सामने आती हैं।
ट्रैफिक पुलिसवालों पर अवैध वसूली के आरोप भी लगते हैं लेकिन, अब उज्जैन के चौराहों पर होने वाली हर एक हरकत इन कैमरों में कैद हो जाएगी।
ट्रैफिक पुलिसवालों के ये सारे कैमरे एक कंट्रोल रूम से जुड़े हैं जहां पर इनमें कैद होनेवाली हर गतिविधि को मॉनीटर किया जाता है।
अगर किसी चौराहे पर कोई घटना हुई है, तो कैमरे में कैद रिकॉर्डिंग देख कर ये पता चल जाएगा उस वक्त ट्रैफिक पुलिसवाल क्या कर रहा था।
उज्जैन में ट्रैफिक पुलिसवालों के साथ ही थानों में भी ये बॉडी वॉर्न कैमरे दिए गए हैं।
शहरी थानों को दो और ग्रामीण इलाकों के थानों को फिलहाल एक एक कैमरा दिया गया है।
इस बॉडी वॉर्न कैमरे के लिए उज्जैन को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चुना गया है और हो सकता है कि जल्द ही आनेवाले दिनों में सूबे के दूसरे शहरों में भी ट्रैफिक पुलिस के जवान आपको इसी तरह के कैमरे के साथ नज़र आएं।