उमा भारती ने फिर उठाया शराब बंदी का मुद्दा, इस बार मप्र BJP अध्यक्ष वीडी शर्मा को लिखी चिट्ठी
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उमा भारती ने फिर उठाया शराब बंदी का मुद्दा, इस बार मप्र BJP अध्यक्ष वीडी शर्मा को लिखी चिट्ठी

उमा भारती ने अपने पत्र में लिखा है कि समाज को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी सरकार की होती है. इसलिए हमें नशाखोरी रोकने के बारे में सोचना चाहिए. वर्जित स्थानों पर शराब दुकानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए जिला अध्यक्षों और विधायकों का सहयोग लिया जाए.

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती. (File Photo)

भोपाल: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने राज्य में शराब बंदी के मुद्दे को लेकर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा को पत्र लिखा है. उमा भारती ने अपने पत्र में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कार्यप्रणाली की तारीफ करते हुए उनसे शराब बंदी और नशा मुक्ति के लिए कदम उठाने की मांग की है. उन्होंने शराब दुकानों पर प्रतिबंध लगाने के लिए भाजपा जिला अध्यक्षों और विधायकों का सहयोग लेने की अपील की है. 

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उमा भारती ने अपने पत्र में लिखा है कि समाज को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी सरकार की होती है. इसलिए हमें नशाखोरी रोकने के बारे में सोचना चाहिए. वर्जित स्थानों पर शराब दुकानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए जिला अध्यक्षों और विधायकों का सहयोग लिया जाए, सामूहिक रूप से बैठकर शराब पीने की व्यवस्था बंद हो. पूर्व मुख्यमंत्री ने शराब बंदी के बाद भाजपा को मिलने वाले राजनीतिक फायदे का जिक्र भी अपने पत्र में किया है. उन्होंने गुजरात और बिहार का उदाहरण दिया ​है. 

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विष्णु दत्त शर्मा को भेजे अपने पत्र में उमा भारती ने लिखा है, ''जब से आप ने मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है, तब से पार्टी ने यशस्वी ऊंचाइयों को छुआ है. हर तरफ सफलताओं का जश्न है. मैं आपको बहुत लंबे समय से जानती हूं. आप एक धर्मशील संस्कारवान राजनेता हैं. आपको और शिवराज जी को ध्यान में रखकर ही मैं यह पत्र लिख रही हूं. इस पत्र को इसलिए सार्वजनिक करूंगी, क्योंकि इसका सार्वजनिक होना जनहित में जरूरी है.''

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समाज को स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी सरकार की होती है
उमा ने आगे लिखा है, ''मध्य प्रदेश एक बहुत ही शांतिप्रिय राज्‍य रहा है. लॉकडाउन हटने के बाद जब सभी कारोबार खुले तो शराब का कारोबार भी खुला. शराब पीने से बहुत सारे लोग मरे, जबकि कोरोना काल में शराबबंदी के दौरान एक भी मौत शराब पीने से नहीं हुई. इसका मतलब है कि शराब मानवता का दुश्मन है. मैं इस बात से सहमत हूं कि शराब और नशा छोड़ना चाहिए, लेकिन समाज को समग्र रूप से स्वस्थ रखने की जिम्मेदारी भी सरकार की होती है. इसलिए हमें इसे रोकने के बारे में सोचना होगा.''

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शराब बंदी से होने वाली राजस्व हानि के लिए भी सुझाव दिए
उमा भारती ने शराब बंदी से होने वाली राजस्व हानि के लिए भी अपने पत्र में सुझाव दिए हैं. उन्होंने ​वीडी शर्मा को कहा है कि राजस्व हानि के विकल्प तलाशने के लिए एक कमेटी बने. उन्होंने स्वचेतना से शराब एवं नशा छोड़ने के लिए जागरण अभियान चलाने की बात कही है. साथ ही शराब पीकर पब्लिक प्लेस में घूमने वालों के खिलाफ दंड का प्रावधान करने की मांग भी उमा भारती ने कही है. उन्होंने दूसरे राज्यों से शराब की आवाजाही पर पूर्ण रोक लगाने की बात अपने पत्र में लिखी है. उन्होंने आखिरी में लिखा है, ''मुझे आशा है कि आप के कार्यकाल में मध्य प्रदेश में शराब बंदी व नशाबंदी की सफलता का लक्ष्य प्राप्त हो सकता है.''

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