MP में शराबबंदी के लिए CM शिवराज से बात करेंगी उमा भारती, बोलीं- वह साहसी हैं, कर सकते हैं
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MP में शराबबंदी के लिए CM शिवराज से बात करेंगी उमा भारती, बोलीं- वह साहसी हैं, कर सकते हैं

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैं अब शराबबंदी के लिए अभियान शुरू करूंगी. राजस्व आमदनी के दूसरे उपाय भी हैं. यहां श्वेत क्रांति हो सकती है. लेकिन लोगों की जान की कीमत पर धन की उगाही ठीक नहीं.''

मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती. (File Photo)

भोपालः मध्य प्रदेश के मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई 26 मौतों के बाद राज्य में सियासत का दौर गर्म है. कांग्रेस को इस घटना के बहाने शिवराज सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल गया है. वहीं दूसरी ओर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिए सरकारी शराब की दुकानें बढ़ाने की बात कहकर कांग्रेस को निशाना साधने का एक और मौका दे दिया है.

हालांकि, नरोत्तम मिश्रा के बयान से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद सहमत नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि राज्य में शराब की दुकानों की संख्या बढ़ाने पर अभी कोई विचार नहीं हुआ है. दूसरी ओर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने मध्य प्रदेश सहित भाजपा शासित सभी राज्यों में पूर्ण शराबबंदी का मुद्दा उठाया है. इस संबंध में शुक्रवार सुबह उमा भारती ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी.

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''लॉकडाउन में शराब नहीं बिकी, लोग पीने बिना मरे नहीं''
उन्होंने कहा, ''लॉकडाउन में शराब की दुकानें बंद रहीं. शराब नहीं पीने से किसी की मृत्यु नहीं हुई. इसके बाद मैंने भाजपा के दो मुख्यमंत्रियों को शराब बंदी का प्रस्ताव दिया था. शिवराज से भी बात की थी. स्वस्थ समाज का निर्माण सरकार की जिम्मेवारी है. जब मैंने ट्वीट किया था तब मुझे नरोत्तम समेत दूसरे मंत्रियों के बयान का पता नहीं था. मुरैना के समाचार पर कमलनाथ और स्वराज के बयान देखे थे.''

नरोत्तम मिश्रा संस्कारशील परिवार से हैंः उमा भारती
उमा भारती ने कहा, ''मेरा अपना विचार है, शराब माफिया सरकार, अफसर, चिंतकों को जकड़ लेता है. नरोत्तम संस्कारशील परिवार से हैं. उनके वक्तव्य के उत्तर में नहीं कह रही हूं. ये मेरे अपने विचार हैं. शिवराज इस विचार को  आगे बढ़ाने वाले व्यक्ति हो सकते हैं. उनमें साहस है. सबसे पहले शराब माफिया को दूर करना है. मैंने ठेका प्रणाली को लॉटरी में डाला था. इससे माफिया दूर हो गया, उन लोगों को भी शराब की दुकानें मिलीं जिन्होंने कभी ये काम नहीं किया.''

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शराबबंदी की मांग कोई दबाव या संकल्प नहीं, मेरी इच्छा हैः उमा
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैं अब शराबबंदी के लिए अभियान शुरू करूंगी. राजस्व आमदनी के दूसरे उपाय भी हैं. यहां श्वेत क्रांति हो सकती है. लेकिन लोगों की जान की कीमत पर धन की उगाही ठीक नहीं. घोर प्रतिबंध के बावजूद लोगों ने शराब पी है. लेकिन शहंशाहों की तरह नहीं, चोरों की तरह पी. उन्हें दंड भी मिला. एमपी एग्जाम्पल स्टेट हो सकता है. मैं लंबा विमर्श करूंगी. मुझे नहीं लगता है कि सरकार मानेगी नहीं. हमारे यहां कोई मतभेद नहीं. ये मांग, दबाव या संकल्प नहीं, मेरी इच्छा है.''

शिवराज से मिलूंगी और शराबबंदी के बारे में बात करूंगीः उमा
उन्होंने कहा कि राजस्व की क्षतिपूर्ति के लिए मंत्रियों की समिति बनाई जा सकती है. दबाव या भयभीत करके शराब बंदी नहीं हो सकती, सहमति बनाकर होगी. शराबबंदी की प्रक्रिया कई फेज में शुरू करनी होगी. मैं आज या कल शिवराज से मिलूंगी और इस बारे में बात करूंगी. मैं मैदान में हूं, मुझे नहीं लगता कि शराबबंदी नहीं हो सकती है.

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''सिंधिया पर कोई संकट आएगा तो मैं ढाल बनकर खड़ी रहूंगी''
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पड़ोसी बनने पर उमा भारती ने कहा, ''मुझे बहुत खुशी हो रही है कि मेरा भतीजा मेरे पास आ गया है. पड़ोसी बन गया है. वह बहुत सभ्य व्यक्ति हैं. बचपन से मेरा स्नेह है उन पर. उनमें कोई महाराजा वाले नखरे नहीं हैं. उनके ऊपर कोई संकट आएगा तो मैं ढाल बन कर खड़ी रहूंगी.''

उमा ने कहा कि वह सिंधिया के खिलाफ चुनाव प्रचार के लिए नहीं जाती थीं. पार्टी को मना कर देती थीं. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''मैं पार्टी से कहती थी कि वसुंधरा को लाओ तो मैं भी जाऊंगी. ना वसुंधरा सिंधिया के खिलाफ में प्रचार करती थीं ना मैं. हमारी जोड़ी शुरू से ही है. जब वह कांग्रेस में थे तभी से.''

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दिग्विजय सिंह का मुंह ही उनका सबसे बड़ा शत्रु हैः उमा भारती
दिग्विजय सिंह के राम मंदिर निर्माण के लिए दान देने और विश्व हिन्दू परिषद द्वारा पूर्व में इकट्ठा किए गए चंदे का हिसाब मांगने पर उमा भारती बोलीं, ''दिग्विजय का सबसे बड़ा शत्रु उनका मुंह है. मुंह पर उनका कंट्रोल नहीं है. राम मंदिर के लिए उन्होंने पूरी आस्था से दान दिया होगा. लेकिन साथ ही साथ पिछले चंदे का हिसाब भी मांग लिया. यहीं उनसे गलती हुई, इसे सुधार लें तो इससे बेहतर पोजिशन जिंदगी में नहीं मिलती.''

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