भानपुर बावा गांव में रहने वाले 46 साल के भरत सिंह कुशवाहा की 39 साल की पत्नी सुशीला पानी भरने के लिए हर दिन अपने घर से आधा किलोमीटर दूर स्थित हैंडपंप पर जाती थी. ऐसे में भरत सिंह ने अपने घर में ही 31 फीट गहरा कुआं खोद दिया.
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गुनाः पति-पत्नी का प्यार सागर जितना विशाल होता है तो कुंए की गहराई जितना गहरा भी. जी हां इस कहावत को सच कर दिखाया है एक पति ने जो अपनी पत्नी के लिए पताल की गहराई में भी जाकर पानी ले आया. यह कोई कहानी नहीं है बल्कि हकीकत है, मध्य प्रदेश के गुना जिले के भानपुर बावा गांव में रहने वाले भरत सिंह कुशवाहा की. जिसने ऐसा काम किया है जो दशरथ मांझी की याद दिला रहा है.
पत्नी के लिए खोदा 31 फीट गहरा कुआं
दरअसल, गुना जिले के चाचौड़ा तहसील में आने वाले भानपुर बावा गांव में रहने वाले 46 साल के भरत सिंह कुशवाहा की 39 साल की पत्नी सुशीला पानी भरने के लिए हर दिन अपने घर से आधा किलोमीटर दूर स्थित हैंडपंप पर जाती थी. यह देखकर भरत हर दिन परेशान होता था. पानी के लिए पत्नी को इतनी मेहनत करते देख भरत मन ही मन बहुत दुखी होते थे. इसलिए एक दिन उन्होंने फैसला किया है कि वे इस समस्या का समाधान खुद ही खोजेंगे. ऐसे में उन्होंने अपनी पत्नी के लिए वह काम करने का मन बनाया, जिसे अकेले आदमी के दम पर अंजाम देना मुश्किल होता है.
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इस तरह हुई कुआं खोदने की शुरूआत
भरत की पत्नी ने एक दिन घर आकर कहा कि इतनी दूर से पानी लाना बेहद मुश्किल होता है. वह बहुत थक जाती है. ऐसे में भरत ने सोचा कि वह अपने ही घर में कुआं खोदेगा और पत्नी को रोज-रोज इतनी दूर से पानी लाने की इस परेशानी को खत्म करेगा.
भरत ने पत्नी से कहा कि वह अपने घर के बाहर ही कुआं खोदेगा, ताकि उसको पानी लेने के लिए दूर न जाना पड़े. अपने पति की यह बात सुनकर वह हंसने लगी. पत्नी ने भरत से कहा कि कुआं खोदना एक आदमी के बस का काम नहीं है. तुम अकेले ऐसा नहीं कर पाओंगे. लेकिन पत्नी का यही उलाहना भरत के लिए प्रेरणादायी बना और मैंने घर में ही करीब ढाई महीने पहले कुआं खोदने की शुरुआत की.
घर में ही खोदा 31 फीट गहरा कुआं
अकेले कुआं खोदने का काम मुश्किल था. लेकिन कहते हैं जब हौसला बुलंद और इरादे मजबूत हो तो बड़े से बड़ा काम भी पूरा किया जा सकता है. कुछ ऐसा ही किया भरत सिंह कुशवाह ने करीब ढाई महीने की कड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार उसने अपने घर के बाहर 31 फीट गहरा और 4 फीट चौड़ा कुआं खोद दिया. इतना ही नहीं इस कुएं को भरत सिंह ने सीमेंट से पक्का भी कर दिया. इस तरह उसने अपनी पत्नी को यह अनमोल तोहफा देकर न केवल उसकी समस्या दूर की. बल्कि पति-पत्नी के प्यार की एक अनोखी मिसाल भी पेश की.
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भरत का सम्मान करेंगे कलेक्टर
अब भरत की पत्नी को पानी लेने हैंडपंप पर नहीं जाना पड़ रहा है. पत्नि सुशीला के प्रति भरत का प्रेम और मेहनत देखकर पूरा गांव उनकी मिसाल दे रहा है. वहीं जब यह मामला गुना जिले के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के पास पहुंचा तो वे भी इसे सुनकर बेहद खुश हुए. कलेक्टर के संज्ञान में जब यह बात आई तो उन्होंने भरत की प्रशंसा की और सम्मानित करने का ऐलान किया. जबकि झोपड़ी में रहने वाले भरत सिंह को अब जिला प्रशासन पीएम आवास योजना का लाभ दिलाकर उनका मकान बनाने की बात भी कही है. कलेक्टर कुमार पुरूषोत्तम ने जिला पंचायत के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि भरत और उसके परिवार को बेहतर जीवन के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाया जाए.
फसलों को भी मिलने लगा पानी
भरत की इस मेहनत से केवल उसकी पत्नी को घर में ही पानी नहीं मिला. बल्कि कुएं की वजह से उसकी आधा बीघा जमीन की सिंचाई करने की व्यवस्था भी हो गयी. कुआं खोदने के बाद उसे फसलों के लिए पर्याप्त पानी भी मिलने लगा है. भरत ने बताया कि आस-पास में रहने वाले लोग भी उसके कुएं से पानी भर ले जाते हैं.
किस्मत वालों को मिलते हैं ऐसे पतिः सुशीला
वही अपने पति के इस अनमोल तोहफे से भरत की पत्नी सुशीला भी बेहद खुश हैं, उसका कहना है कि उसे पहले तो इस बात का विश्वास नहीं था कि उसका पति अकेले ही इतना गहरा कुआं खोद लेगा. सुशीला का कहना है कि लेकिन लगातार मेहनत से उन्होंने यह मुश्किल काम हकीकत में बदल दिया. सुशीला का कहना है खुद के प्रति अपने पति का इतना प्यार देखकर वह बेहद खुश हैं. क्योंकि अपनी पत्नी को इतना प्यार करने वाले पति किस्मत से ही मिलते हैं.
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