हरपालपुर मंडी उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित है. जिस वजह से मध्य प्रदेश के किसान उनकी फसल भवान्तर योजना के तहत बोली लगाकर खरीद लेते थे.
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हरीशगुप्ता/छतरपुर: जिले की हरपालपुर उपज मंडी में फसल लेने से इनकार करने के बाद उत्तर प्रदेश के किसानों ने हंगामा कर दिया. शुक्रवार को मध्य प्रदेश के छतरपुर बॉर्डर पर स्थित उत्तर प्रदेश के किसान हरपालपुर उपज मंडी में अपनी फसल ट्रैक्टर, ट्रॉली में लादकर पहुंच गये और मंडी में बोली से फसल खरीदने का दबाव बनाने लगे, लेकिन जब कृषि उपज मंडी ने उनकी फसल लेने से इंकार कर दिया तो किसान हंगामे पर उतारू हो गये.
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आपको बता दें कि हरपालपुर मंडी उत्तर प्रदेश के बॉर्डर पर स्थित है. जिस वजह से मध्य प्रदेश के किसान उनकी फसल भवान्तर योजना के तहत बोली लगाकर खरीद लेते थे. इससे किसानों को यूपी से अधिक समर्थन मूल्य मिल जाता था. लेकिन इस बात की शिकायत मध्य प्रदेश के कई किसानों ने कलेक्टर से कर दिया है. इसलिए यहां पर फसल बेचने के लिए एमपी ऋण पुस्तिका को अनिवार्य कर दिया गया है.
हरपालपुर सचिव मंडी आर बी सिंह ने बताया कि यहां पर दूसरे राज्य के किसान अपनी फसल न बेच पाये इसके लिए कलेक्टर ने ऋण पुस्तिका को अनिवार्य कर दिया है. जिन किसानों के पास मध्य प्रदेश राज्य की ऋण पुस्तिका नहीं होगी उनकी फसल नहीं खरीदी जाएगी.
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छतरपुर की हरपालपुर मंडी में फसल बेचने गये उत्तर प्रदेश के किसानों ने बताया कि ये मंडी हमारे घर से नजदीक पड़ती है. इसलिए हम लोग अपनी फसल यहां बेचने के लिए आते हैं. लेकिन इस बार से यहां पर मप्र की ऋण पुस्तिका को अनिवार्य कर दिया गया है. हमारे पास मप्र राज्य की ऋण पुस्तिका नहीं है जिसकी वजह से हमारी फसलों को नहीं खरीदा गया. ऐसे में हम लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि हम अपनी फसल कहां बेचें, क्योंकि प्रदेश में इससे नजदीक कोई मंडी नहीं है. एक मंडी राठ में हैं, लेकिन वो भी बंद पड़ी है.