गैस पीड़ित कोरोना संक्रमित मरीजों को मुआवजा मिल सके, इसके लिए 4 संगठनों ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. इस दौरान संगठनों ने गैस राहत अस्पतालों के रिकॉर्ड सर्वोच्च न्यायालय में लंबित सुधार याचिका में पेश करने की मांग की. साथ ही 90 प्रतिशत गैस पीड़ितों को अस्थाई रूप से क्षतिग्रस्त मानते हुए 25 हजार के मुआवजे की मांग की.
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भोपाल: भोपाल गैस त्रासदी की बरसी से ठीक पहले पीड़ित के 4 संगठनों ने कोरोना से हुई क्षति को लेकर मुआवजे की मांग की है. संगठनों का दावा है कि आम लोगों के मुकाबले 6.5% गुना ज्यादा गैस पीड़ित लोगों को कोरोना हुआ है. साथ ही संगठन ने कोरोना से 56% मौतें गैस पीड़ित आबादी में होने का भी दावा किया है.
गैस पीड़ित कोरोना संक्रमित मरीजों को मुआवजा मिल सके, इसके लिए 4 संगठनों ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी. इस दौरान संगठनों ने गैस राहत अस्पतालों के रिकॉर्ड सर्वोच्च न्यायालय में लंबित सुधार याचिका में पेश करने की मांग की. साथ ही 90 प्रतिशत गैस पीड़ितों को अस्थाई रूप से क्षतिग्रस्त मानते हुए 25 हजार के मुआवजे की मांग की.
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इस आधार पर की गई मुआवजे की मांग
जानकारी के मुताबिक 2020 में भोपाल में गैस पीड़ितों की संख्या 4 लाख 63 हजार के करीब थी. इसमें 450 मौतों में गैस पीड़ितों की संख्या 254 है. कोरोना की मृत्यु दर के हिसाब से गैस पीड़ित आबादी (463050 में होने वाली मौतों की संख्या 74 है. गैस हादसे से की वजह से हुई अतिरिक्त कोरोना में मौतों की संख्या 180 है.
(इनपुट: रचना ढींगरा, भोपाल ग्रुप फ़ॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन)
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