भोपाल के निजी मेडिकल कॉलेज में 27 नवंबर से वॉलेंटियर को टीके लगने शुरू हुए थे. जिनमें अब तक कुल 45 लोग ही टीका लगवाने पहुंचे हैं.
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भोपाल: लंबे समय के बाद राजधानी में स्वदेशी कोरोना वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल तो शुरू हो चुका है, लेकिन इसके ट्रायल के वॉलेंटियर नहीं आ रहे हैं. 6 दिन में महज 45 लोगों को ही कोवैक्सीन का ट्रायल टीका लगा है.
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भोपाल में 2000 लोगों को लगना है ट्रायल टीका
बता दें कि भोपाल में 2000 लोगों पर टीके का ट्रायल होना है. लेकिन रफ्तार को देखते हुए ये मुश्किल लग रहा है.भोपाल के निजी मेडिकल कॉलेज में 27 नवंबर से वॉलेंटियर को टीके लगने शुरू हुए थे. जिनमें अब तक कुल 45 लोग ही टीका लगवाने पहुंचे हैं.
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GMC को नहीं मिली अनुमति
कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए निजी अस्पताल के अलावा गांधी मेडिकल कॉलेज भी चयनित किया गया था. लेकिन GMC को अब तक इसकी अनुमति नहीं मिल पायी है. जिसके कारण यहां अभी तक टीकाकरण शुरू नहीं हुआ है.
27 नवंबर से शुरू हुआ कोवैक्सीन का ट्रायल
कोवैक्सीन का टीकाकरण 27 नवंबर से शुरू हो चुका है. इसके लिए वॉलेंटियर चयनित किए गए हैं. क्लीनिकल ट्रायल के लिए बच्चों को शामिल नहीं किया गया है. केवल 18 साल से ज्यादा उम्र वाले स्वस्थ व्यक्ति को ही ट्रायल के लिए चुना गया है.
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