शराब ठेके की वजह से आसमान पर पहुंचा महिलाओं का गुस्सा, लाठी-डंडों से की तोड़फोड़
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शराब ठेके की वजह से आसमान पर पहुंचा महिलाओं का गुस्सा, लाठी-डंडों से की तोड़फोड़

मध्य प्रदेश के श्योपुर में शराब ठेका के कर्मचारियों की गुंडागर्दी जारी है. जिसे लेकर आदिवासी महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा है. आक्रोशित महिलाओं ने ना सिर्फ शराब ठेके में तोड़-फोड़ कर दी बल्कि हाईवे पर ढाई घंटे तक चक्काजाम कर दिया.

फाइल फोटो

श्योपुर: मध्य प्रदेश के श्योपुर में शराब ठेका के कर्मचारियों की गुंडागर्दी जारी है. जिसे लेकर आदिवासी महिलाओं का गुस्सा फूट पड़ा है. आक्रोशित महिलाओं ने ना सिर्फ शराब ठेके में तोड़-फोड़ कर दी बल्कि हाईवे पर ढाई घंटे तक चक्काजाम कर दिया. इसे रोकने के लिए तीन थानों की पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन ग्रामीण नहीं माने. आखिर में तहसीलदार ने तीन दिन में शराब दुकान हटाने के आश्वासन दिया, तब जाकर प्रदर्शनकारियों ने अपने कदम पीछे खींचे.

शराब ठेके के कर्मचारियों ने की थी मारपीट
दरअसल मंगलवार की रात सलापुरा के देसी शराब ठेके के कर्मचारियों ने उसके ठेके से शराब ना खरीदने पर एक दंपती और कुछ लाेगाें काे पीट दिया था. इस मारपीट के बाद भीड़ इकट्ठी हो गई और देर रात आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया और इस मामले में  7-8 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया. लेकिन बुधवार की सुबह 6.45 बजे फिर शराब ठेकेदार के लोगों ने एक युवक काे फिर पीट दिया. इसके बाद आदिवासी समाज की महिलाएं आक्रोशित हा़े गईं और शराब ठेका हटाने की मांग पर लाठी-डंडे लेकर शराब दुकान को तोड़ने पहुंच गए. पुलिस के सामने ही महिलाओं ने दुकानें तोड़ने की कोशिश की. पुलिस ने जब उन्हें हटाया तो महिलाओं ने सलापुरा हाईवे पर चक्काजाम कर दिया. 

महिलाओं ने लगाया घंटों तक जाम
हंगामे और चक्काजाम के बीच पूर्व पार्षद राजू मीणा मौके पर पहुंचे. उन्होंने ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन है कि हाईवे से शराब ठेका 500 मीटर दूर होना चाहिए, लेकिन यहां नेशनल हाईवे के करीब ही ठेका दे दिया गया. क्या यह गलत नहीं है, जहां सुप्रीम कोर्ट की रुलिंग को प्रशासन मनाने को तैयार नहीं है. 

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इस चक्काजाम के कारण ढाई-तीन घंटे तक हाईवे बंद रहा, इससे वाहनों की कतार लग गई.  प्रशासन ने तीन दिन में शराब ठेका हटाने का आश्वासन दिया आदिवासी महिलाएं मानी। लेकिन चक्काजाम खत्म करने से पहले यह चेतावनी भी दी कि यदि तीन दिन में शराब ठेका नहीं हटा तो फिर से आंदोलन होगा. 

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