सीडी, नक्सली हिंसा और गायों की मौत की वजह से छत्तीसगढ़ पूरे साल रहा खबरों में
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सीडी, नक्सली हिंसा और गायों की मौत की वजह से छत्तीसगढ़ पूरे साल रहा खबरों में

राज्य के दुर्ग और बेमेतरा जिले में इस वर्ष 16 से 18 अगस्त के मध्य दो सौ से अधिक गायों की कथित मौत की घटना सामने आई.

11 मार्च को सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 12 जवानों की हत्या कर दी थी. (फाइल फोटो)

रायपुर: छत्तीसगढ़ में वर्ष 2017 राजनीति में सीडी प्रकरण, नक्सली घटनाओं में जवानों की कथित मृत्यु तथा गौशालाओं में कई गायों की मौत जैसी घटनाओं के लिए जाना जाएगा. वहीं इसका असर आने वाले चुनावी वर्ष में भी रहने की संभावना है. छत्तीसगढ़ में यह वर्ष भी नक्सली घटनाओं से अछूता नहीं रहा. इस वर्ष 24 अप्रैल को राज्य में नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के बुरकापाल गांव के करीब नक्सलियों ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दल पर घात लगाकर हमला किया. हमले में बल के 25 जवान शहीद हो गए तथा सात अन्य घायल हो गए. बुरकापाल की घटना से एक महीने पहले 11 मार्च को सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 12 जवानों की हत्या कर दी थी.

  1. सरकार ने राज्य के 150 तहसीलों में से 96 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया.
  2. राज्य सरकार ने सूखे से निपटने के लिए केंद्र से 4400 करोड़ रुपए की राहत राशि की मांग की है.
  3.  इस वर्ष अप्रैल महीने से 30 नवंबर तक 61 किसानों ने खुदकुशी की है.

हालंकि राज्य का नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र यहां के विवादित पुलिस महानिरीक्षक एसआरपी कल्लूरी के लिए भी याद रखा जाएगा. क्षेत्र में पत्रकारों की गिरफ्तारी और सामाजिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई के मामले में चर्चित वरिष्ठ इस पुलिस अधिकारी का तबादला पुलिस मुख्यालय कर दिया गया. छत्तीसगढ़ में इस वर्ष रमन सिंह सरकार को राज्य के विभिन्न गौशालाओं में ​दो सौ से अधिक गायों की कथित मृत्यु पर विपक्षी दल कांग्रेस के विरोध का सामना करना पड़ा.

राज्य के दुर्ग और बेमेतरा जिले में इस वर्ष 16 से 18 अगस्त के मध्य दो सौ से अधिक गायों की कथित मौत की घटना सामने आई. बाद में पुलिस ने गौशालाओं के संचालक भाजपा के नेता हरीश वर्मा और उनके रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया. मामले की न्यायिक जांच की जा रही है. दिसंबर में भी राज्य के धमतरी जिले में 15 दिनों के दौरान 37 गायों की कथित मृत्यु का मामला सामने आया है. पुलिस ने निजी गौशाला के संचालक मनहरण साहू को गिरफ्तार कर लिया है.

छत्तीसगढ़ में पिछले 14 वर्षों से सत्तासीन भाजपा सरकार के कद्दावर नेता और कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल पर जुलाई में आरोप लगा कि उन्होंने अपनी पत्नी के नाम पर महासमुंद के प्रसिध्द ऐतिहासिक स्थल सिरपुर के करीब जलकी गांव में वन भूमि पर कब्जा कर लिया है. आरोप लगने के बाद मंत्री ने किसी भी एजेंसी से जांच करवाने का दावा किया तथा कहा कि उनके खिलाफ राजनीतिक षड़यंत्र किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में इस वर्ष राज्य के एक मंत्री की कथित अश्लील सीडी को लेकर राजनीतिक माहौल गर्म रहा.

यह मामला 27 अक्टूबर को तब सामने आया जब रायपुर जिले की पुलिस ने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार किया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक रायपुर में भाजपा नेता प्रकाश बजाज की शिकायत के बाद वर्मा को गिरफ्तार किया गया और उनसे पांच सौ की संख्या में अश्लील सीडी, लैपटाप और अन्य सामान बरामद किया गया.

पत्रकार वर्मा के गिरफ्तार होते ही रायपुर में एक अश्लील सीडी सार्वजनिक हो गई. सीडी के सार्वजनिक होते ही राज्य में लोक निर्माण विभाग के मंत्री राजेश मूणत ने कहा कि उनका चरित्र हनन करने का प्रयास किया गया है. बाद में मूणत ने रायपुर के सिविल लाईंस थाने में पत्रकार वर्मा और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेश बघेल के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया. अश्लील सीडी के मामले की जांच सीबीआई कर रही है और वर्मा जमानत पर रिहा हो गए हैं.

राज्य की राजनीति में हलचल मचाने वाले इस मामले का असर अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव तक रहने की संभावना है. छत्तीसगढ़ में वर्ष 2017 में मॉनसून की बेरुखी के कारण सूखे का सामना करना पड़ा. सरकार ने राज्य के 150 तहसीलों में से 96 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित कर दिया.

राज्य सरकार ने सूखे से निपटने के लिए केंद्र से 4400 करोड़ रुपए की राहत राशि की मांग की है. राज्य में सूखे की मार किसानों को पड़ी और किसानों ने गंभीर कदम भी उठाया. राज्य विधानसभा के इस मानसून सत्र में सरकार ने सदन को बताया कि इस वर्ष अप्रैल महीने से 30 नवंबर तक 61 किसानों ने खुदकुशी की है.

राज्य में सूखा और किसानों की हालत को देखते हुए राज्य सरकार ने राहत के काम शुरू तो किए साथ ही किसानों को पिछले वर्ष हुई धान खरीदी के लिए तीन सौ रूपए बोनस देने का फैसला किया गया. राज्य सरकार के मुताबिक, किसानों को तीन सौ रूपए प्रति क्विंटल के हिसाब से 21 सौ करोड़ रूपए का बोनस दिया गया. वहीं इस वर्ष हो रही धान खरीदी का बोनस अगले वर्ष दिया जाएगा. राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने राज्य सरकार के इस कदम को होने चुनाव के कारण उठाया गया कदम बताया है.

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