MP News: बैतूल जिले से दो चौंकाने वाली खबर सामने आई हैं. जहां एक तरफ अस्पताल में एक सुरक्षा गार्ड गर्भवती महिलाओं का इलाज करता हुआ दिखा, वहीं दूसरी तरफ नेत्र सहायक गांव-गांव घूमकर डॉक्टर की तरह मरीजों का इलाज कर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है.
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Betul News: मध्य प्रदेश के सरकारी अस्पतालों से दो हैरान करने वाले मामले सामने आए हैं. करोड़ों की लागत से बने आलीशान अस्पतालों में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ होने के बावजूद सुरक्षा गार्ड गर्भवती महिलाओं का इलाज कर रहा है तो वहीं नेत्र सहायक गांव-गांव घूमकर MBBS की तरह मरीजों का बेधड़क इलाज कर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है. बैतूल जिले से सामने आई दो तस्वीरों को देखने के बाद आप आसानी से समझ जाएंगे कि एमपी के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जिम्मेदार अधिकारी कितने गंभीर हैं. मामला सामने आने के बाद प्रशासन जांच कर कार्रवाई की बात कह रहा है.
पहला चौंकाने वाला मामला सामाजिक स्वास्थ्य केंद्र भैंसदेही का है. एक प्राइवेट गार्ड बाला खंडाईत हॉस्पिटल में इलाज कराने आई गर्भवती महिलाओं की शुगर और बीपी की जांच कर रहा है. ऐसा नहीं है कि इस अस्पताल में कोई डॉक्टर और स्टाफ नहीं हैं. फिर भी गार्ड उन गर्भवती के इलाज जैसे गंभीर मामलों का इलाज करा रहा है. बिना किसी प्रशिक्षण के यह सुरक्षा गार्ड गर्भवती महिलाओं का बेधड़क चेकअप कर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है. सुरक्षा गार्ड का गर्भवती महिलाओं का इलाज करते हुए वीडियो भी सामने आया है.
इलाज के नाम पर लूटा जा रहा
दूसरा मामला झल्लार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से सामने आया. इस अस्पताल के नेत्र सहायक के पद पर पदस्थ मुकेश यादव बिना किसी डिग्री के गांव-गांव घूमकर मरीजों को सरकारी दवाएं दे रहा है. बदले में उनसे मोटी रकम भी ले रहा है. नेत्र सहायक किसी MBBS डॉक्टर की तरह बेखौफ होकर ग्रामीणों का इलाज कर रहा है. हर मर्ज की दवा अपने बैग में लेकर झोलाछाप डॉक्टर गांव वालों से पैसे लेकर उनकी जान से खिलवाड़ कर रहा है. नेत्र सहायक को किसी भी रूप में मरीज को देखना या फिर दवा लिखने का अधिकार नहीं है. नेत्र सहायक का काम मरीज का नेत्र रोग के संबंध में पहले के रोग से संबंध में जानकारी लेना और ऑपरेशन से पहले मरीज को मानसिक एवं चिकित्सकीय रूप से तैयार करने का होता है.
CMHO को मामले की जानकारी नहीं
इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद सरकारी अस्पतालों की मॉनिटरिंग पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इन मामलों में मरीजों ने दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है. वहीं बैतूल के सीएमएचओ डॉ रविकांत का कहना है कि उन्हें इनकी जानकारी ही नहीं थी. मीडिया के द्वारा बताए जाने पर कहा कि टीम बनाकर दोनों मामलों की जांच करेंगे.
इलाज कराने आए मरीज ने की कार्रवाई की मांग
अस्पताल में इलाज कराने आए एक मरीज के परिजन का कहना है कि जब वह अपने परिजन का इलाज कराने गया तो उसने देखा की जो गर्भवती महिलाओं का इलाज कर रहा था. वह रात में चौकीदारी करता है. यह उनकी जान के साथ खिलवाड़ है. इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.