याचिकाकर्ता के वकील संजीत शुक्ला ने ज़ी न्यूज़ से कहा, "सरकार का यह फैसला चुनावी मौसम में जनता को दिया गया लॉलीपॉप है, राज्य में कुल आरक्षण 50 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
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मुंबई : बॉम्बे हाईकोर्ट ने महाराष्ट्र में 16 फ़ीसदी मराठा आरक्षण के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. मंगलवार को हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की तरफ से एडवोकेट प्रदीप संचेती और संजीव शुक्ला ने जस्टिस रंजीत मूवी और भारती डांगरे की बेंच के सामने दलील रखते हुए कहा था कि गायकवाड कमिशन कीबोर्ड में कई खामियां हैं. इसके जवाब में सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील वी ए थोरात ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ना सिर्फ कमीशन ने बल्कि सरकार ने भी इस रिपोर्ट को मान्यता दे दी है.
याचिकाकर्ता के वकील संजीत शुक्ला ने ज़ी न्यूज़ से कहा, "सरकार का यह फैसला चुनावी मौसम में जनता को दिया गया लॉलीपॉप है, राज्य में कुल आरक्षण 50 फ़ीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए, हमारी अदालत से यही मांग है कि अदालत राज्य सरकार के इस फैसले पर रोक लगाए"
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 1 दिसंबर से सरकारी नौकरी और शिक्षा में मराठों के लिए 16 फ़ीसदी आरक्षण के सरकारी फैसले के बाद इस मामले में कई सारी याचिकाएं हाईकोर्ट में दाखिल की गईं थीं और कुछ याचिकाकर्ता और उनके वकीलों पर असामाजिक तत्वों ने हमला भी किया था. बहरहाल अदालत ने इस मामले में सभी याचिकाओं के पक्षों को सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखा है. अदालत जल्द ही इस पर अपना फैसला सुना सकती है, जिस पर सभी की निगाहें टिकी होंगी.