Akhilesh Yadav MVA: कांग्रेस और उद्धव गुट वाली शिवसेना टस-से-मस नहीं होना चाहती तो अखिलेश यादव ने भी तय कर लिया है कि अब उन्हें इसके आगे नहीं सोचना है. सवाल हैं क्या आघाड़ी बंट रहे हैं, कट रहे हैं.
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Maharashtra Assembly Elections: राजनीति में त्याग की कोई जगह नहीं होती. ये बड़ा बयान देते हुए इशारों-इशारों में अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि अगर कोई उनकी साइकिल की सवारी करने से उन्हें रोकेगा तो वो रास्ता ही बदल लेंगे. और कोई त्याग नहीं करेंगे. यानी अब महाविकास आघाड़ी में सीट बंटवारे को लेकर रास्ते जुदा होते जा रहे हैं. कांग्रेस और उद्धव गुट वाली शिवसेना टस-से-मस नहीं होना चाहती तो अखिलेश यादव ने भी तय कर लिया है कि अब उन्हें इसके आगे नहीं सोचना है. सवाल हैं क्या आघाड़ी बंट रहे हैं, कट रहे हैं.
1 बार, 2 बार, तीन-तीन बार अखिलेश यादव ने खुद ही साफ कर दिया है कि सीटों का बंटवारा अधर में लटक गया है. उनकी पार्टी जितनी सीटें चाहती है. उसे अगर नहीं दिया गया तो त्याग नहीं किया जाएगा. अब उन्होंने गेंद गठबंधन के पाले में डाल दी है.
29 अक्टूबर को खत्म हो रही डेडलाइन
नामांकन दाखिल करने की समय सीमा 29 अक्टूबर को समाप्त हो रही है, लेकिन महाविकास आघाड़ी की सियासी टीम में दरारें बढ़ती जा रही हैं. कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) के बीच सीट बंटवारे को लेकर मतभेद नहीं सुलझा है. जबकि कांग्रेस अखिलेश के बयान पर नया बयान देते हुए इंडिया गठबंधन के हाथ मजबूत करने की प्राथमिकता पर जोर दे रहे हैं.
दरअसल अखिलेश यादव महाराष्ट्र की पांच सीटों पर साइकिल दौड़ाने के लिए दांव लगा रहे हैं. इसलिए महाराष्ट्र की 5 सीटों पर प्रत्याशियों को एबी फॉर्म बांट रखे हैं. ये सीटें हैं- धुले सिटी, मालेगांव सेंट्रल, भिवंडी ईस्ट, भिवंडी वेस्ट, मानखुर्द शिवाजी नगर.
एमवीए के दलों ने उतार दिए उम्मीदवार
लेकिन MVA से जुड़े शिवसेना UBT ने धुले सिटी से उम्मीदवार उतार दिया है. जबकि मालेगांव सेंट्रल और भिवंडी वेस्ट से कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी महाराष्ट्र के चुनाव मैदान में उतार दिए हैं.
हालांकि कुल मिलाकर सपा ने 6 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है और दावा कर रही है कि 20 सीटों प्रत्याशी तैयार हैं.
अखिलेश की उम्मीदें और दबाव कांग्रेस पर सबसे ज्यादा है क्योंकि बाकी दो पार्टियां में से शरद पवार सीट शेयर कर नहीं कर सकते. अल्पसंख्यक खुद उनके बड़ी संख्या में वोटर्स हैं. और उद्धव गुट में सपा के लिए कोई उम्मीद नहीं बची है.
हालांकि शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कहा है कि अभी भी गठबंधन में अखिलेश की उम्मीदें जिंदा हैं क्योंकि कांग्रेस ने अब तक 87 प्रत्याशियों का ही ऐलान किया है. महाविकास अघाड़ी में इस तरह हो रही खींचतान पर सीटों का बंटवारा तो अब तक साफ नहीं हुआ है. लेकिन गठबंधन में बंट कर कटने की संभावना लगातार बढ़ती जा रही है.