Maharashtra Congress: महाराष्ट्र में सब करते रहे शिवसेना-शिंदे की बात, इधर धीमे से कांग्रेस में भी हुआ 'खेला'!
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Maharashtra Congress: महाराष्ट्र में सब करते रहे शिवसेना-शिंदे की बात, इधर धीमे से कांग्रेस में भी हुआ 'खेला'!

Maharashtra Congress: आधिकारिक तौर पर 11 विधायकों और राज्य कांग्रेस इकाई ने दावा किया है कि विधायक ट्रैफिक जाम में फंस गए थे और इसलिए मतदान नहीं कर सके, लेकिन उनके स्पष्टीकरण को पार्टी के भीतर काफी संशय की नजर से देखा जा रहा है.

Maharashtra Congress:  महाराष्ट्र में सब करते रहे शिवसेना-शिंदे की बात, इधर धीमे से कांग्रेस में भी हुआ 'खेला'!

Maharashtra Congress: शिवसेना के टूटने की खबर तो सबके सामने है, लेकिन महाराष्ट्र कांग्रेस में सब भी कुछ ठीक नहीं चल रहा है. हाल में हुए विधान परिषद चुनाव और फ्लोर टेस्ट में कांग्रेस के कुछ विधायकों ने ही अपनी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ा कर दीं. पिछले महीने हुए विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी तो वहीं फ्लोर टेस्ट में मतदान के दौरान 11 विधायक गायब रहे थे.  

विधायकों ने क्यों की क्रॉस वोटिंग? 

महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नसीम खान ने कहा कि कांग्रेस आलाकमान ने विधान परिषद चुनाव में पार्टी नेता चंद्रकांत हंडोरे की हार का गंभीरता से संज्ञान लिया है, क्योंकि सात विधायक क्रॉस वोटिंग करने में शामिल थे.

नसीम खान ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि उन्होंने हंडोरे के साथ बुधवार को दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से मुलाकात की और राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी के एक वरिष्ठ दलित नेता हंडोरे की हार को गंभीरता से लिया है. उन्हें पहली वरीयता के 29 वोट आवंटित किए गए थे, लेकिन उन्हें केवल 22 वोट मिले और उन्हें दूसरी वरीयता का कोई वोट नहीं मिला.  

नसीम खान के मुताबिक, कांग्रेस के सात विधायकों ने क्रास वोटिंग की. इसकी जांच की जानी चाहिए और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाने की जरूरत है. इस बीच, कांग्रेस की राज्य इकाई के सूत्रों ने कहा कि नेतृत्व पिछले एक पखवाड़े के घटनाक्रम की समीक्षा करने के लिए एक पर्यवेक्षक की नियुक्ति करेगा.बता दें कि राज्य विधान परिषद चुनाव 20 जून को हुआ था.

फ्लोर टेस्ट के दौरान 11 विधायक रहे थे गायब

महाराष्ट्र विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस के 11 विधायक सदन से गायब रहे थे. जो विधायक वोटिंग में हिस्सा नहीं ले पाए थे वो अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, धीरज देशमुख, प्रणीति शिंदे, जितेश अंतापुरकर, जीशान सिद्दीकी, राजू आवले, मोहन हम्बर्दे, कुणाल पाटिल, माधवराव जवलगांवकर और शिरीष चौधरी हैं.  व्हाण और वडेट्टीवार देर से आए और मतदान के समय तक सदन में प्रवेश नहीं कर पाए.

आधिकारिक तौर पर इन 11 विधायकों और राज्य कांग्रेस इकाई ने दावा किया है कि विधायक ट्रैफिक जाम में फंस गए थे और इसलिए मतदान नहीं कर सके, लेकिन उनके स्पष्टीकरण को पार्टी के भीतर काफी संशय की नजर से देखा जा रहा है.

पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण पहले ही पार्टी के शीर्ष नेताओं से उन कांग्रेस विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने को कह चुके हैं, जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की थी. महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव जाकिर अहमद ने कहा, हर कांग्रेसी चाहता है कि चंद्रकांत हंडोरे को न्याय मिले. 

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि फ्लोर टेस्ट के दौरान वोटिंग से चूकने वाले विधायकों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. हम समझ सकते हैं कि एक या दो विधायक ट्रैफिक जाम के कारण वोट नहीं डाल पाए, लेकिन कांग्रेस के 11 विधायकों का देरी से आना अस्वीकार्य है. हमारे सात विधायक ऐसे हैं जिन्होंने क्रॉस वोटिंग की जिससे हंडोरे की हार हुई. इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जरूरत है. 

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