Dussehra Rally 2022: राज्य में राजनीतिक माहौल को बढ़ाने के लिए वरिष्ठ और जिम्मेदार नेताओं से आगे आने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य जिम्मेदारी राज्य के मुख्यमंत्री पर है.
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Maharashtra News: महाराष्ट्र में दशहरा रैली को लेकर सियासी संग्राम जारी है. बुधवार को 'दो शिवसेना' दशहरा रैलियों के अभूतपूर्व घटनाक्रम को लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को 'सीमा' पार नहीं करने की सलाह दी. ठाकरे-शिंदे की अगुआई में शिवसेना के दोनों धड़े, शिवाजी पार्क और बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स मैदान में अपनी विजय दशमी रैलियां करेंगे. इस पर पवार (82) ने कहा कि राजनीतिक संघर्ष कोई नई बात नहीं है, लेकिन उन्हें सीमा के भीतर होना चाहिए, वरना यह राज्य के लिए अच्छा नहीं होगा.
'शिंदे 14 करोड़ लोगों के नेता'
राज्य में राजनीतिक माहौल को बढ़ाने के लिए वरिष्ठ और जिम्मेदार नेताओं से आगे आने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी मुख्य जिम्मेदारी राज्य के मुख्यमंत्री पर है. पवार ने कहा, 'वह (शिंदे) महाराष्ट्र के 14 करोड़ लोगों के नेता भी हैं और इसलिए उन पर जिम्मेदारियां ज्यादा हैं. हम केवल यह उम्मीद कर सकते हैं कि दोनों पक्ष (शिंदे और ठाकरे) इस तरह से व्यवहार करेंगे कि कड़वाहट और न बढ़े.'
उन्होंने कहा कि अगर दोनों (शिवसेना) गुट यह तय करते हैं कि वे कटुता भड़काने के लिए सीमा पार नहीं करेंगे, तो इससे राज्य की राजनीतिक स्थिति में सुधार होगा. यह पूछने पर कि क्या राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ठाकरे की रैली का समर्थन कर रही है, पवार ने कहा कि यह शिवसेना का कार्यक्रम है जबकि शिंदे समूह अलग कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है.
इससे पहले एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा था कि ठाकरे की अगुआई वाला गुट 'असली शिवसेना' है, लेकिन फैसला चुनाव आयोग के पास लंबित है. उन्होंने कहा कि 'असली शिवसेना' ने उद्धव ठाकरे के जरिए अपने संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के आदर्शों को आगे बढ़ाया, हालांकि इस साल मुंबई में दो अलग-अलग रैलियों का आयोजन किया जा रहा है.
दोनों गुटों की दशहरा रैलियों की तैयारियां शुरू
इस बीच, रैलियों के लिए ठाकरे और शिंदे दोनों गुटों ने शिव सैनिकों को लुभाने के लिए एक चौतरफा युद्ध शुरू कर दिया है. वह 'टीजर' जारी कर रहे हैं, न्योते बांट रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को लुभाने के लिए पूरी तैयारी कर रहे हैं. दोनों गुट लोकप्रियता के स्तर और विजयादशमी के शुभ दिन पर जनता के बीच अपनी विश्वसनीयता से अपने-अपने मैदान पर एक-दूसरे को मात देने की उम्मीद कर रहे हैं.
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