PM मोदी बोले, 'सरकार के काम का लेखा-जोखा मांगना एक चलन बन गया है'
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PM मोदी बोले, 'सरकार के काम का लेखा-जोखा मांगना एक चलन बन गया है'

पीएम मोदी ने कहा, “इन सभी का निर्माण समाज की ताकत से हुआ करता था. धीरे-धीरे, जानबूझकर या अंजाने में समाज की इस गतिविधि को दबा दिया गया और देश ने सामाजिक कार्य करने का जिम्मा ले लिया.

उनकी सरकार का लक्ष्य समाज को सशक्त बनाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा सामाजिक कार्य किए जा सकें.

अडलाज (गुजरात): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार (05 मार्च) को कहा कि सरकार के काम का लेखा-जोखा मांगना देश में अब एक चलन बन गया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य समाज को सशक्त बनाना है ताकि ज्यादा से ज्यादा सामाजिक कार्य किए जा सकें. 

प्रधानमंत्री ने गुजरात के गांधीनगर जिले के अडलाज कस्बे में नवनिर्मित अन्नपूर्णा धाम मंदिर के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ कार्यक्रम में कहा कि हाल में एक नया चलन देखने को मिला है, जहां लोग हर काम सरकार द्वारा किए जाने की उम्मीद करते हैं. वे सरकार से उन कामों के भी जवाब मांगते हैं जो नहीं किए गए. ये हमारे देश की परंपरा नहीं थी.

उन्होंने कहा कि पहले समाज धर्मशाला, गौशाला, पोखर एवं पुस्तकालयों का निर्माण करता था. पीएम मोदी ने कहा, “इन सभी का निर्माण समाज की ताकत से हुआ करता था. धीरे-धीरे, जानबूझकर या अंजाने में समाज की इस गतिविधि को दबा दिया गया और देश ने सामाजिक कार्य करने का जिम्मा ले लिया.

प्रधानमंत्री ने पाटीदार समुदाय की उपजाति लेवा पटेल द्वारा बनाए गए मंदिर के उद्घाटन के बाद कहा कि हमारा प्रयास है कि राज्य को प्रशासनिक कार्य करना चाहिए और समाज को सशक्त बनाना चाहिए ताकि वह लोगों की बेहतरी के लिए ऐसे सामाजिक कार्य कर सके.

उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में वह लेवा समुदाय ही था जिसने अमूल आंदोलन की शुरुआत की और गुजरात के गांवों की सभी जातियों एवं वर्गों के लोगों को फायदा पहुंचाया था. समुदाय के सदस्यों से सामाजिक कार्य करने की अपील करते हुए मोदी ने कहा, “मैं आपसे मंदिर आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को प्रसाद के रूप में एक पौधा वितरित करने और उसे बड़ा करने के लिए कहने को कहूंगा.” 

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