Caste Census: इससे पहले राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2011 की जाति आधारित जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने की चुनौती दी और आरक्षण पर से 50 फीसदी की सीमा हटाने की मांग की.
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Congress Demands Caste Census: कांग्रेस पार्टी ने जातीय जनगणना के मुद्दे को जोर-शोर से उठाने का फैसला कर लिया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि 2021 में जो जनगणना होनी चाहिए थी, उसे तुरंत किया जाए और जातिगत जनगणना को इसका अभिन्न अंग बनाया जाए. इससे सामाजिक न्याय और अधिकारिता को मजबूती मिलेगी. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने खड़गे का यह पत्र ट्विटर पर शेयर किया है.
इससे पहले राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 2011 की जाति आधारित जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने की चुनौती दी और आरक्षण पर से 50 फीसदी की सीमा हटाने की मांग की. उन्होंने ने 10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कोलार में कांग्रेस की ‘जय भारत’ चुनावी रैली में यह मांग उठा दी.
Jitni aabadi, utna haq!
Congress President @kharge-ji has written to PM demanding that the decennial Census that should have been conducted in 2021 be done right-away, and a Caste Census be made its integral part. This will put social justice & empowerment on a firmer footing. pic.twitter.com/vM7cXzLCel
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) April 17, 2023
‘भारत में कितने ओबीसी, आदिवासी और दलित हैं’
राहुल गांधी ने कहा, ‘सबसे बड़ा सवाल यह है कि भारत में कितने ओबीसी, आदिवासी और दलित हैं. अगर हम धन और सत्ता के बंटवारे की बात करते हैं, तो उनकी आबादी के आकार का पता लगाना पहला कदम होना चाहिए.’
‘प्रधानमंत्री जी, आप ओबीसी की बात करतु हैं’
राहुल गांधी ने कहा, ‘यूपीए सरकार ने 2011 में जाति आधारित जनगणना की. इसमें सभी जातियों के आंकड़े हैं. प्रधानमंत्री जी, आप ओबीसी की बात करते हैं. उस डेटा को सार्वजनिक करें. देश को बताएं कि देश में कितने ओबीसी, दलित और आदिवासी हैं.’
कांग्रेस नेता कहा कि अगर सभी को देश के विकास का हिस्सा बनना है तो प्रत्येक समुदाय की आबादी का पता लगाना जरूरी है.
‘यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो यह ओबीसी का अपमान’
गांधी ने कहा, ‘कृपया जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करें ताकि देश को पता चले कि ओबीसी, दलितों और आदिवासियों की जनसंख्या कितनी है. यदि आप ऐसा नहीं करते हैं, तो यह ओबीसी का अपमान है. साथ ही, आरक्षण पर से 50 प्रतिशत की सीमा को हटा दें.’
कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि सचिव भारत सरकार की ‘रीढ़’ होते हैं, लेकिन केंद्र सरकार में दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों से संबंध रखने वाले केवल सात प्रतिशत सचिव हैं.
यूपीए ने की थी जातिगत जनगणना
कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने 2011 में सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना (एसईसीसी) की थी. जातिगत आंकड़ों को छोड़कर जनगणना की रिपोर्ट प्रकाशित कर दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने तय की हुई है आरक्षण की सीमा
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. न्यायालय के मुताबिक विभिन्न समुदायों के लिए सरकारी नौकरियों तथा शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की सीमा पार नहीं होनी चाहिए. हालांकि कुछ राज्यों में इस सीमा से ज्यादा आरक्षण प्रदान किया गया है.
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