Mamata Banerjee Letter: सीएम ममता ने सोमवार को पीएम मोदी को एक खत लिखकर कड़ी आपत्ति जताई. खत में अपनी नाखुशी जताते हुए बनर्जी ने प्रधानमंत्री से पश्चिम बंगाल सरकार को शामिल किए बिना पड़ोसी देश के साथ ऐसी कोई चर्चा नहीं करने का भी अनुरोध किया.
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PM Modi-Sheikh Hasina: हाल ही में बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना भारत दौरे पर आई थीं. पीएम मोदी और उनके बीच कई अहम मुद्दों पर बातचीत हुई, जिसमें तीस्ता नदी जल बंटवारा और फरक्का संधि शामिल है. लेकिन इन वार्ता में बंगाल सरकार को शामिल नहीं करने को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने नाखुशी जताई है.
ममता ने जताई नाराजगी
सीएम ममता ने सोमवार को पीएम मोदी को एक खत लिखकर कड़ी आपत्ति जताई. खत में अपनी नाखुशी जताते हुए बनर्जी ने प्रधानमंत्री से पश्चिम बंगाल सरकार को शामिल किए बिना पड़ोसी देश के साथ ऐसी कोई चर्चा नहीं करने का भी अनुरोध किया. यह खत मोदी की हाल ही में दिल्ली में उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना के साथ द्विपक्षीय वार्ता के मद्देनजर लिखा गया था, जिसमें दोनों नेताओं के बीच मुलाकात का ब्योरा सामने आने के बाद बनर्जी ने कुछ करीबी लोगों के सामने नाराजगी जताई थी.
'राज्य सरकार से लेनी चाहिए थी सलाह'
उन्होंने मोदी को लिखे तीन खत के कहा, 'मैं यह खत बांग्लादेश की प्रधानमंत्री की हालिया यात्रा के संदर्भ में लिख रही हूं. ऐसा लगता है कि बैठक के दौरान गंगा और तीस्ता नदियों से संबंधित जल बंटवारे के मुद्दों पर चर्चा हुई होगी. परामर्श और राज्य सरकार की राय के बिना इस तरह का एकतरफा विचार-विमर्श और वार्ता ना तो स्वीकार्य है और ना ही वांछनीय है.'
उन्होंने कहा कि बंगाल का बांग्लादेश के साथ भौगोलिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से बहुत करीबी रिश्ता है. बनर्जी ने तीस्ता और फरक्का को लेकर कहा, 'पानी बहुत कीमती है और लोगों की जीवन रेखा है. हम ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर समझौता नहीं कर सकते, जिसका लोगों पर गंभीर और बुरा असर पड़ता है. ऐसे समझौतों के प्रभाव से पश्चिम बंगाल के लोग सबसे अधिक पीड़ित होंगे. बनर्जी ने कहा कि साल 1996 की बांग्लादेश फरक्का संधि साल 2026 में खत्म होने की अपनी निर्धारित अवधि से पहले नवीनीकरण की प्रक्रिया में है.
नदी का बदल गया आकार: ममता
उन्होंने खत में कहा, 'भारत के पूर्वी हिस्से और बांग्लादेश में कई वर्षों में नदी का आकार बदल गया है, जिससे पश्चिम बंगाल वंचित हो गया है और राज्य में पानी की उपलब्धता पर गलत प्रभाव पड़ा है.'
बनर्जी ने कहा, 'मैं बांग्लादेश के लोगों से प्यार करती हूं और उनका सम्मान करती हूं और हमेशा उनकी भलाई की कामना करती हूं. मैं अपनी कड़ी आपत्ति व्यक्त करती हूं कि राज्य सरकार की भागीदारी के बिना बांग्लादेश के साथ तीस्ता जल बंटवारे और फरक्का संधि पर कोई चर्चा नहीं की जानी चाहिए. पश्चिम बंगाल में लोगों का हित सर्वोपरि है, जिससे किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाना चाहिए.'