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Mamata Banerjee asked ministers to End VIP culture: देश से VIP कल्चर को खत्म करने के लिए तमाम सरकार समय-समय पर कदम उठाती रही हैं और अब ऐसा ही एक सख्त कदम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उठाया है. ममता बनर्जी ने गुरुवार को अपनी सरकार के सभी मंत्रियों को निर्देश दिया कि नेशनल हाईवे को छोड़कर राज्य में अन्य कहीं भी लाल बत्ती लगी पायलट कारों का इस्तेमाल बंद करें. साथ ही उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी आधिकारिक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करते वक्त बहुत सावधान रहें. ममता की इस पहल को सरकार की इमेज सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि हाल में टीएमसी के वरिष्ठ नेताओं पार्थ चटर्जी और अनुब्रत मंडल की गिरफ्तारियों के बाद से लगातार पार्टी को आलोचना झेलनी पड़ रही है.
लाल बत्ती पर लगी लगाम
कैबिनेट में हुई फेरबदल के बाद उसकी पहली बैठक को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने यह भी कहा कि उनका विभाग राज्य के उन मंत्रियों के लिए अलग काम तय करेगा जिनके पास अब तक बहुत कम जिम्मेदारियां रही हैं. अधिकारी ने बैठक के बाद बताया कि मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों से पायलट कारों का इस्तेमाल बंद करने को कहा है. कोई भी मंत्री उस वक्त लाल बत्ती लगी पायलट कारों का इस्तेमाल कर सकते हैं जब वे राजमार्गों से गुजर रहे हों, लेकिन राज्य में अन्य किसी भी जगह पर इसका इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए गए हैं.
मुख्यमंत्री ने अपने कैबिनेट मंत्रियों को यह सलाह भी दी कि किसी भी दस्तावेज पर दस्तखत करने से पहले उसे ठीक से पढ़ लें. माना जा रहा है कि बैठक में बनर्जी ने राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक से अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि उन्हें मंत्री के खिलाफ काफी शिकायतें मिल रही हैं. उन्होंने मलिक को अपनी छवि साफ-सुथरी रखने की नसीहत भी दी है. राज्य में उद्योग मंत्री रहे पार्थ चटर्जी को स्कूल भर्ती घोटाले में जांच के सिलसिले में पिछले महीने ED की ओर से गिरफ्तार किए जाने के बाद मंत्री पद छोड़ना पड़ा था और टीएमसी से सस्पेंड कर दिया गया था. पार्थ के मंत्री पद से हटने के बाद पहली बार कैबिनेट बैठक हुई थी.
पार्थ की न्यायिक हिरासत बढ़ी
उधर, स्पेशल कोर्ट ने घोटाले में फंसे पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ा दी है. दोनों को 23 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था और पांच अगस्त तक उन्हें ईडी की हिरासत में रखा गया था. उसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग केस में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. जज जीबन कुमार साधु ने पूर्व मंत्री पार्थ की जमानत याचिका को खारिज कर दिया और ईडी के अनुरोध पर दोनों आरोपियों को 31 अगस्त तक 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. केंद्रीय जांच एजेंसी के अनुरोध पर अदालत ने ईडी को उनसे सुधार गृहों में पूछताछ की इजाज दे दी, जहां वह बंद हैं.
(इनपुट: एजेंसी)
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