Manipur Video: 4 मई को आग की तरह फैली अफवाह; गांव में घुसी भीड़ और महिलाओं से कर डाली हैवानियत
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Manipur Video: 4 मई को आग की तरह फैली अफवाह; गांव में घुसी भीड़ और महिलाओं से कर डाली हैवानियत

Manipur Women Parade: वीडियो के सामने आने के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है. इस घटना की क्रोनोलॉजी भी सामने आई है. दरअसल पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक फेक न्यूज के कारण यह घटना हुई.

Manipur Video: 4 मई को आग की तरह फैली अफवाह; गांव में घुसी भीड़ और महिलाओं से कर डाली हैवानियत

Manipur Viral Video: मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद मानवता तार-तार हो गई है.भीड़ में कुछ लोगों पर हैवानियत इस हद सवार हो गई थी कि उन्होंने न सिर्फ दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया बल्कि उनके साथ कथित तौर पर बलात्कार भी किया. 

वीडियो के सामने आने के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है. इस घटना की क्रोनोलॉजी भी सामने आई है. दरअसल पुलिस सूत्रों के मुताबिक, एक फेक न्यूज के कारण यह घटना हुई.

3 मई को मणिपुर में कुकी जनजाति (पहाड़ी बहुल समुदाय) और मैतेई (घाटी बहुल समुदाय) के बीच हिंसा का दौर शुरू हुआ था. मैतेई समाज यह मांग कर रहा है कि उसको कुकी समुदाय की तरह अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल किया जाए. लेकिन कुकी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया और आदिवासी एकजुटता रैली निकाली. इसका विरोध मैतेई समुदाय ने किया और देखते ही देखते हिंसा ने विकराल रूप ले लिया.

बलात्कार की अफवाह से फैली हिंसा

हिंसा के बाद खबर यह फैली थी कि एक मैतेई समुदाय की महिला के साथ बलात्कार हुआ है. इसके बाद मैतेई समुदाय के लोग कोंगपो जिले के एक गांव में घुस गए. वहां उन्होंने न सिर्फ घरों में लूटपाट की बल्कि आगजनी भी की. 

कुकी समुदाय का 4 लोगों का एक परिवार जान बचाने के लिए पड़ोसियों के साथ जंगल की तरफ भाग गया. इसके बाद पुलिस जंगल में पहुंची और 5 लोगों को बचाया. फिर वह उनको पुलिस स्टेशन ले जाने लगी.

तभी मैतेई समुदाय की भीड़ वहां पहुंची और पुलिस का रास्ता रोक दिया. वह पुलिस के हाथों से उन सभी 5 लोगों को छीनकर ले गई. इन 5 लोगों में से पिता और भाई को भीड़ ने जान से मार दिया. इसके बाद तीन महिलाओं को नग्न कर भीड़ ने उसके साथ दरिंदगी की. इस घटना के वीडियो भी सामने आए हैं. हालांकि जैसे तैसे बाद में ये महिलाएं वहां से भाग नकलीं.

घटना 4 मई की, 18 को हुई शिकायत

इस हैवानियत से महिलाएं इतनी ज्यादा डर गईं कि उनमें शिकायत दर्ज कराने की ताकत ही नहीं रही. इसके बाद 18 मई को गांव के कुछ लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. एफआईआर 21 मई को दर्ज की गई. पुलिस की लापरवाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक महीने के बाद भी इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया. जब 20 जुलाई को वीडियो वायरल हुआ, तब जाकर पुलिस के सिर पर जूं रेंगी. अब तक 4 आरोपी पुलिस के शिकंजे में आ चुके हैं. 

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