Maratha Andolan Update: मराठा आरक्षण में एक तरफ सरकार ने कानूनी प्रक्रिया बनाने को लेकर समय मांगा है तो दूसरी ओर आंदोलन कर रहे मनोज जरांगे ने सरकार से पूछा है कि आरक्षण देने के लिए और ज्यादा समय क्यों चाहिए?
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Manoj Jarange Hunger Strike Update: मराठा आरक्षण की मांग को लेकर पूरे महाराष्ट्र में हंगामा चल रहा है. इस दौरान शिंदे सरकार ने सर्वदलीय बैठक भी की, लेकिन ये बैठक इस बात पर खत्म हो गई कि कानूनी प्रक्रिया के लिए समय चाहिए. जी हां, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने बैठक खत्म होने के बाद यही बात कही. लेकिन इस बीच, अनशन पर बैठे मनोज जरांगे ने एक बार फिर सरकार को अल्टीमेटम दिया कि आरक्षण पर सरकार जल्दी ही कोई फैसला ले. मराठा आंदोलन से जुड़ा हर ताजा अपडेट यहां जानिए.
- जरांगे पाटिल ने कहा कि अगर इंटरनेट बंद कर दिया जाए तो क्या होगा? मराठों की आवाज को कभी भी उत्पीड़न के जरिए चुप नहीं कराया जा सकता. सरकार को ऐसी रणनीति बंद करनी चाहिए और अराजक लोगों पर लगाम लगानी चाहिए.
- बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल की भूख हड़ताल का आज नौवां दिन है. जरांगे शिवबा संगठन के नेता हैं. जरांगे के आंदोलन के मद्देनजर महाराष्ट्र के तीन जिलों में इंटरनेट सर्विस ठप कर दी गई है.
- बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से जरांगे से बात करने के लिए एक डेलीगेशन भेजा जा सकता है. आरक्षण कोटा को अंतिम रूप देने के लिए शिंदे सरकार और समय की मांग कर सकती है.
- केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि अगर जरांगे अपील कर हैं तो मुझे नहीं लगता कि दो दिन का विशेष विधानसभा सत्र बुलाना मुश्किल है. मैं सीएम और डिप्टी सीएम से मिलने जा रहा हूं. मैं उन्हें सलाह दूंगा कि अगर आंदोलन की तेजी को कम करना है तो सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए.
- मनोज जरांगे ने कहा कि सरकार को पहले ही इसका एहसास होना चाहिए था और ज्यादा समय की मांग करनी चाहिए थी. लेकिन सरकार मेरे आंदोलन के 8-10 दिन बाद समय मांग रही है. उन्हें विस्तार से बताना चाहिए कि वे क्या करने जा रहे हैं? अगर वे केवल कुछ समय के लिए ऐसा करने जा रहे हैं, तो हम पांच मिनट भी नहीं छोड़ेंगे.
- इस बीच मनोज जरांगे के परिवार को भी उनकी तबीयत की चिंता हो रही है. मनोज जरांगे की पत्नी सुमित्रा ने कहा कि उनकी तबीयत खराब हो रही है. हमें बहुत चिंता हो रही है. इस दौरान वो भावुक भी हो गईं. सुमित्रा ने कहा कि सरकार को जल्दी से फैसला लेना चाहिए. वे हमसे अनशन वापस लेने के लिए कैसे कह सकते हैं. उन्होंने जाते समय मुझसे कहा था कि अगर आया तो तुम्हारा, नहीं आया तो समाज का.
- मराठा आरक्षण की मांग पर भले ही सरकार नरम पड़ गई हो लेकिन आंदोलन के नाम पर हिंसा करने वालों को सरकार किसी भी हाल में छोड़ने वाली नहीं है. महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर मनोज जरांगे और सरकार के बीच तनातनी जारी है, लेकिन आंदोलन की आड़ में हो रही हिंसा पर शिंदे सरकार बेहद नाराज हैं. सरकार ने हिंसा और तोड़फोड़ करने वालों पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है.
- महाराष्ट्र पुलिस ने आंदोलन के दौरान हिंसा को लेकर अब तक 141 मामले दर्ज किए हैं और 168 लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है. अकेले बीड जिले में 24 से 31 अक्टूबर के बीच हुई हिंसा के 20 मामले दर्ज हैं, जिनमें से सात मामले धारा 307 (हत्या का प्रयास) के तहत दर्ज किए गए हैं.
- जान लें कि मराठा आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई तोड़फोड़ में 12 करोड़ रुपये की सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा है.
- किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए बीड जिले में रैपिड एक्शन फोर्स की एक कंपनी तैनात की गई है और छत्रपति संभाजी नगर ग्रामीण, जालना और बीड में इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं. SRPF की 17 कंपनियों को पूरे महाराष्ट्र में संवेदनशील इलाकों में तैनात किया गया है. सात हजार होमगार्ड भी पुलिस की मदद कर रहे हैं.