बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक घरेलू हिंसा के मामले पर सुनवाई करते हुए गुस्से में कहा कि जोड़ियां स्वर्ग में नहीं नरक में बनती हैं. इसके साथ ही कहा कि पति-पत्नी एक साथ नहीं रहना चाहते हैं. जानें क्या है पूरा मामला.
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मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि 'जोड़ियां स्वर्ग में नहीं नरक में बनती हैं' हाई कोर्ट जस्टिस सांरग कोतवाल की बेंच ने यह टिप्पणी एक पति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करने के दौरान की. याचिका में पत्नी ने क्रूरता और दहेज की मांग का आरोप लगाया है. दंपती एक साथ रहने को भी तैयार नहीं है. दरअसल, पति और पत्नी ने एक-दूसरे के खिलाफ क्रॉस शिकायतें दर्ज कराई है. जस्टिस एसवी कोतवाल ने अपने आदेश में कहा कि एफआईआर से पता चलता है कि दंपती एक साथ नहीं रह सकते हें उनके बीच लगातार झगड़े होते थे. इसी दौरान जस्टिस कोतवाल ने गुस्से में कहा,' जोड़ियां स्वर्ग में नहीं नरक में बनती हैं.
दरअसल, एक महिला ने पिछले साल अपने पति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसमें उसने दावा किया था कि साल 2017 में उनकी शादी के दौरान पति ने अपने परिवार के प्रत्येक सदस्य के लिए एक सोना का सिक्का मांगा था. महिला ने कहा कि वह पति की मांग को पूरा नहीं कर सकी. इसलिए ससुराल वाले उसे परेशान करने लगे. इसके साथ ही शिकायत मे पत्नी ने कहा कि उसने पति को 13 लाख 50 हजार रूपये के करीब दिए थे, जिससे उन्होंने एक फ्लैट खरीदा था. इसी फ्लैट में दंपती अपने तीन साल के बेटे के साथ रहते थे. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि पति ने उल्टा उन पर मारपीट करने का आरोप लगाया है.
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वहीं पति का आरोप है कि उसने फ्लैट के लिए 90 हजार रूपये दिए थे और शादी के बाद वह अपनी पत्नी को मॉरिशस ले गया था और उसे एक महंगा सेल फोन भी गिफ्ट में दिया था. पति ने अदालत को कुछ वॉट्सएप चैट भी दिखाई, जिसमें दावा किया कि उसकी पत्नी उसे तंग कर रही थी. पति ने कहा कि उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके जवाब में उन्होंने भी उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की.
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