तबलीगी जमात का मौलाना मोहम्मद साद 75 घंटे से फरार, दिल्ली से मेरठ तक पुलिस ने मारे छापे
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तबलीगी जमात का मौलाना मोहम्मद साद 75 घंटे से फरार, दिल्ली से मेरठ तक पुलिस ने मारे छापे

दिल्ली से लेकर मेरठ और मुजफ्फरनगर तक  मौलाना साद के खिलाफ दिल्ली पुलिस की छापेमारी और तलाशी अभियान जारी है. 

दिल्ली क्राइम ब्रांच मौलाना मोहम्मद साद के खिलाफ फुल एक्शन में है.

नई दिल्ली: तबलीगी जमात का मौलाना मोहम्मद साद 75 घंटे से फरार है. मौलाना साद के खिलाफ 31 मार्च को FIR दर्ज हुई थी. दिल्ली से लेकर मेरठ और मुजफ्फरनगर तक  मौलाना साद के खिलाफ दिल्ली पुलिस की छापेमारी और तलाशी अभियान जारी है. 

निजामुद्दीन वेस्ट में मौलाना के एक दोस्त का घर है. यहां क्राइम ब्रांच की टीम ने शुक्रवार को पहुंचकर घर पर मौलाना के खिलाफ 26 सवालों के नोटिस थमाए. दिल्ली के ज़ाकिर नगर इलाके से हमारे संवाददाता विशाल पाण्डेय ने मोस्ट वांटेड मौलाना के बारे में बड़ी जानकारी हासिल की है. मौलाना मोहम्मद साद निजामुद्दीन के अपने मरकज से पूरा नेटवर्क चलाता था. वही मरकज़, जो इन दिनों देश में सबसे ज़्यादा संक्रमण फैलाने का सबसे बड़ा अड्डा बन गया है. 

मौलाना साद को 24 मार्च को निजामुद्दीन थाने में बुलाया गया था. मौलाना साद समेत 7 लोगों को दिल्ली पुलिस ने सख्त हिदायत दी थी कि लॉकडाउन के नियमों का पालन करना ही होगा लेकिन मौलाना ने सारे नियम कानून ताक पर रख दिए. इसके बाद मौलाना आख़िरी बार 28 मार्च को देखा गया. फिर वो कहां गायब हो गया किसी को नहीं मालूम.  

मौलाना साद का अब तक कुछ पता नहीं चला है. मौलाना साद का एक घर यूपी के शामली में भी है. यहां के कंधाला गांव में उसका पुश्तैनी मकान है, मौलाना साद की तलाश में जी न्यूज़ की टीम शामली वाले घर पर भी पहुंची. सवाल यही है कि कोरोना से भी खतरनाक बन चुका मौलाना आख़िर कब गिरफ्तार होगा, कब मौलाना को दिल्ली पुलिस सलाखों के पीछे भेजेगी. 

मौलाना साद के गुनाहों की 'चार्जशीट'
क्या किया

जमातियों को अल्लाह के नाम पर मरकज में आने को मजबूर किया. मरकज में न आने पर अल्लाह का गुस्सा बढ़ने का हवाला दिया. कोरोना संक्रमित विदेशियों की जानकारी छिपाई. मस्जिदों को आबाद करने का मौका बताया. सरकार, पुलिस के कहने के बावजूद मरकज न खाली करने पर अड़ा रहा. 

 

क्या करना था
सामाजिक दूरी का पालन करना था. घरों में नमाज के लिए प्रेरित करना था. लॉकडाउन में लोगों को घरों पर रहना था. विदेशियों की जानकारी सरकार को देनी थी. आगे आकर शासन-प्रशासन का सहयोग करना था. लेकिन इनमें से कुछ भी मौलाना साद ने नहीं किया और बन गया देश में सबसे ज्यादा कोरोना फैलाने वाला मोस्ट वांटेड मौलाना.

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