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Quality Defect in Medicine Manufacturing Process: भागदौड़ और आपाधापी के इस दौर में शायद ही ऐसा कोई होगा जिसे कभी दवाई लेने की जरूरत ना पड़ी हो. लेकिन जिस दवाई को आप ठीक होने के लिए खा रहे हैं कहीं वो आपको और बीमार तो नहीं बनाने वाली है. हाल ही में फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन यानी FDA ने दवा बनाने वाली कंपनियों की जांच की तो इन दवाओं की मैन्युफैक्चरिंग और स्टोरेज के नियमों में भारी अनियमितता पाई.
इसका सरल भाषा में अर्थ ये होता है कि कोई भी दवाई जब बनाई जाती है तो एक निश्चित तापमान, दबाव और अन्य मापदंडों का पालन करते हुए बनाई जाती है. साथ ही इसे विशेष परिस्थियों में स्टोर किया जाना होता है. अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो वो दवाई फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकती है.
FDA ने अपनी जांच में 16 दवा कंपनियों को इन नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया. इसके बाद इन कंपनियों को नोटिस देकर काम बंद करने को कहा गया. अब FDA द्वारा इन कंपनियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा सकती है. जिन कंपनियों को नोटिस दिया गया है उनमें से कुछ कंपनियों के नाम हैं....
• औरंगाबाद- Concept फार्मा, Navketan फार्मा
• नागपुर - Adroit Pharmaceuticals Pvt.Ltd.
• तारापुर - Arch pharma lab, Sequent scientific
• तलोजा - Vasudha chemical
FDA के मुताबिक इन कंपनियों को नोटिस दिया गया है क्योंकि इन कम्पनियों ने Manufacturing और Storage के जो नियम होते हैं उनका पालन नहीं किया था. जो ड्रग्ज होते हैं उन के लिए सही तापमान, सही पानी और जो कॉम्पोनेंट्स हैं वो सही मात्रा में होने जरूरी हैं, वरना दवाई की क्वॉलिटी खराब होती है.
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FDA ने कुल 655 दवा निर्माता कंपनियों के यहां जांच की थी जिनमें से
• कोंकण में - 366
• मुंबई में- 52
• पुणे में- 104
• नासिक में - 43
• औरंगाबाद में - 47
• नागपुर में- 22
• और अमरावती में 21 थीं.
इन 655 दवाई निर्माता कंपनियों में से जहां नियमों का उल्लंघन पाया गया उनमें से 95 दवा निर्माता कंपनियों को कारण बताओ नोटिस दिया गया. इसके अलावा 16 दवा निर्माता कंपनियों को प्रोडक्शन बंद करने और 17 कंपनियों को एफडीए के निर्देशों का पालन करने को कहा गया, वरना उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई.
दुनियाभर में स्वास्थ्य सेवा मापदंडों को तय करने वाले वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की गाइडलाइंस के मुताबिक दवाईयों का सुझाव दिया जाता है. डॉक्टर्स का कहना है कि अगर दवा की क्वालिटी सही ना हो तो मरीज को उस दवा का फायदा नहीं होगा और कई बार उसका दोष डॉक्टर को दिया जाता है. यह कहकर कि उनकी Diagnosis सही नहीं थी. यहां तक कि कई बार ऐसी दवा घातक साबित हो सकती हैं. इसके पहले कई दवा को इसी कारण से मार्केट से हटाना पड़ा है. कई दवाओं की Quality खराब होने से कैंसर जैसी घातक बीमारियां भी हो सकती हैं.
(इनपुट- Yesha Kotak)
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