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नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और रोजाना करीब 30 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं. इस बीच देश में कोविड-19 की तीसरी लहर (Coronavirus 3rd Wave) को लेकर बड़ी खबर सामने आई है और बताया जा रहा है कि इस साल अक्टूबर तक तीसरी लहर की आशंका जताई जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा गठित एक समिति ने कहा है कि कोरोना वायरस तीसरी लहर अक्टूबर के आसपास अपने चरम पर पहुंच सकती है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के तहत गठित एक्सपर्ट पैनल ने कोरोना वायरस की तीसरी लहर (Coronavirus 3rd Wave) को लेकर चेतावनी जारी की है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कोविड-19 की तीसरी लहर अक्टूबर के आसपास पीक पर पहुंच सकती है.
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 की तीसरी लहर (Covid-19 3rd Wave) में बच्चों को भी बड़ों के समान ही खतरा है. कमेटी ने इस दौरान बच्चों के लिए बेहतर मेडिकल तैयारी की जरूरत पर जोर दिया है और कहा है कि बच्चों के लिए मेडिकल सुविधाएं, डॉक्टर, कर्मचारी, वेंटिलेटर, एम्बुलेंस इत्यादि जैसे उपकरण कहीं भी नहीं हैं. बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमित होने की स्थिति में इनकी आवश्यकता हो सकती है.
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केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) के निर्देश पर गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को सौंप दी है. रिपोर्ट में गंभीर रूप से बीमार और विकलांग बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर वैक्सीनेशन पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है.
नीति आयोग के सदस्य और केंद्र सरकार के कोविड-19 टास्क फोर्स का नेतृत्व कर रहे वीके पॉल ने कहा कि कोरोना वायरस की अगली लहर में 23 प्रतिशत लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ सकती है. ऐसे में केंद्र सरकार को करीब 2 लाख आईसीयू बेड तैयार रखने चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सितंबर में भारत में प्रतिदिन संक्रमण के करीब 4-5 मामले सामने आ सकते हैं.
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