ये क्या कह गए बिल गेट्स! बोले- भारत जैसे देशों को नहीं मिलना चाहिए वैक्सीन का फार्मूला
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ये क्या कह गए बिल गेट्स! बोले- भारत जैसे देशों को नहीं मिलना चाहिए वैक्सीन का फार्मूला

बिल गट्स ने अपने एक बयान में कहा कि कोरोना वैक्सीन का फॉर्मूला भारत जैसे विकासशील देशों के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए. 

डिजाइन फोटो..

नई दिल्ली: इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. दूसरी लहर ने भारत में हाहाकार मचा के रखा हुआ है. इस मुश्किल समय में फिलहाल वैक्सीन को ही इस जानलेवा वायरस से बचने का कारगर उपाय माना जा रहा है. लेकिन इस बीच, माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक और दुनिया के टॉप बिजनेसमैन बिल गेट्स इस बात को लेकर आलोचना के केंद्र में आ गए हैं कि भारत समेत विकासशील देशों के साथ टीके का फार्मूला साझा नहीं किया जाना चाहिए.

बिल गट्स ने अपने एक बयान में कहा कि कोरोना वैक्सीन का फॉर्मूला भारत जैसे विकासशील देशों के साथ साझा नहीं किया जाना चाहिए. स्काई न्यूज के साथ एक इंटरव्यू के दौरान बिल गेट्स से पूछा गया कि, 'क्या कोरोना की तुरंत और प्रभावपूर्ण तरीके से रोकथाम करने के लिए विकासशील और गरीब देशों को वैक्सीन का फॉर्मूला दिए जाना चाहिए?' इस पर उन्होंने साफ जवाब दिया 'नहीं'.

बिल गेट्स ने और क्या कहा?
बिल गेट्स ने आगे कहा कि 'भले ही दुनिया में वैक्सीन बनाने वाली बहुत सी फैक्टरियां हैं और लोग टीके की सुरक्षा को लेकर बहुत गंभीर हैं, फिर भी दवा का फॉर्मूला नहीं दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, 'यूएस की जॉनसन ऐंड जॉनसन फैक्ट्री और भारत की एक फैक्ट्री में फर्क होता है. हमारी विशेषज्ञता और पैसों से वैक्सीन बनाती हैं. वैक्सीन फॉर्मूला किसी रेसिपी की तरह नहीं कि इसे किसी के भी साथ साझा किया जा सके. यह सिर्फ बौद्धिक संपदा का मामला भी नहीं है, इसके लिए बहुत सावधानी रखनी होती है, टेस्टिंग करनी होती है, ट्रायल करने पड़ते हैं.' बिल गेट्स ने आगे कहा कि 'इस वजह से विकासशील और गरीब देशों को कुछ समय इंतजार करना पड़ सकता है, लेकिन उन्हें वैक्सीन का फॉर्मूला नहीं मिलना चाहिए'.

स्काई न्यूज के मुताबिक, बिल गेट्स ने यह भी माना कि विकसित और अमीर देश अगर अपने नागरिकों को टीका दिए जाने को प्राथमिकता दे रहे हैं तो यह हैरानी वाली बात नहीं है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन में अब 30 साल के लोगों को भी वैक्सीन दी जा रही है और ब्राजील-साउथ अफ्रीका जैसे देशों में 60 साल के लोगों को भी वैक्सीन नहीं लगी है. हालांकि, तीन से चार महीने के अंदर महामारी से प्रभावित सभी देशों को वैक्सीन मिल जाएगी. 

आपको बता दें कि एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की बनाई वैक्सीन के फॉर्मूले पर भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड के नाम से वैक्सीन का उत्पादन कर रही है.

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