International Year of Millets: मोटे अनाज से बने पकवान सेहत के लिए लाभदायक साबित होते हैं और इसके सेवन से लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों के असर को कम करने में मदद मिलती है. आपको बता दें कि मोटे अनाज को भारतीय सेना के राशन में भी शामिल किया गया है.
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Millets In Indian Army: भारत में इस साल मिलेट्स वर्ष मनाया जा रहा है. इस दौरान लोगों को मोटे अनाजों को लेकर जागरूक करना और उन्हें भोजन में बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. ऐसे में भारतीय सेना ने एक बहुत बड़ा कदम उठाया है जो बेहद सराहनीय है, जिस मोटे अनाज को पांच दशक पहले भारतीय सेना से 'बर्खास्त' यानी बाहर कर दिया गया था उसे वापस सेना के राशन में शामिल किया गया है. खबर है कि भारतीय सेना के जवानों के राशन में मिलेट्स आटे की शुरुआत की गई है ताकि पोषण से भरपूर मोटे अनाज की खपत को बढ़ाया जा सके. सेना ने करीब पांच दशक पहले गेंहू के आटे की वजह से मोटे अनाज का इस्तेमाल बंद कर दिया था. बुधवार को जारी एक बयान में सेना ने कहा कि यह फैसला सैनिकों को स्थानीय और पांरपरिक अनाज की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए किया गया है.
अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस साल को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 के रूप में घोषित किया है. इस दौरान मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने मोटे अनाज को राशन में शामिल किया है जिसके आटे से बनी रोटियां और दूसरे पकवान सैनिकों को दिए जाएंगे. आपको बता दें कि करीब पांच दशक पहले गेहूं के आटे की वजह से मोटे अनाज को बंद कर दिया गया था. मोटे अनाज से बने पकवान सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं और हमारी भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों के अनुकूल भी होते हैं. इसके सेवन से लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों के असर को कम करने में मदद मिलती है. अब से सभी पदों पर बैठे सेना के जवानों को रोज के भोजन में मोटे अनाज से बना पकवान दिया जाएगा.
25 प्रतिशत तक मोटे का सेना में इस्तेमाल
आपको बता दें कि भारत सरकार ने वित्तवर्ष 2023-24 के लिए सेना को कुल राशन में से 25 प्रतिशत तक मोटे अनाज खरीदने के लिए अधिकृत किया है. यह खरीद विकल्प और मांग पर आधारित होगी और इसके तहत बाजरा, ज्वार और रागी के आटे का विकल्प मौजूद होगा.
(इनपुट: एजेंसी)
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